कोरबा कोविड संक्रमण को ध्यान में रखते हुए हर तरफ सतर्कता को लेकर खास ध्यान दिया जा रहा है। यहां का जिला जेल भी इससे अछूता नहीं है। जेल प्रबंधन ने बंदियों से परिजनों की मुलाकात को बेन कर दिया है। इसके साथ ही मोबाइल पर बातचीत करने का विकल्प दिया गया है। सप्ताह में एक बार और महीने में 4-5 बार यह सुविधा होगी।
इससे पहले अलग-अलग मामलों में निरूद्ध किये गए बंदियों से उनके परिजनों की मुलाकात आमने-सामने लेकिन सुरक्षा दीवार के बीच हो जाया करती थी। इससे वे आपस में जानकारी साझा करते थे। इस दौरान पता चलता था कि कहां क्या समस्या है और आगे क्या कुछ किया जाना बेहतर होगा। वकील के स्तर पर ली जाने वाली सलाह भी इसमें शामिल होती थी। कई स्थानों पर बीते दिनों में हुए घटनाक्रम और एक वर्ष पहले कोविड का संक्रमण फैलने के साथ मुलाकातियो की बंदियों से होने वाली चर्चा पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। कोरबा जिला जेल में भी यह नियम प्रभावशील किया गया है। इसके अनुसार सशुल्क बातचीत हो सकती है। संक्रमण की वजह से अब बाहरी सामानों पर भी रोक लगाई गई है। इसके साथ ही यहां पर निरूद्ध बंदियों के स्वास्थ्य परीक्षण को लेकर लगातार गंभीरता दिखाई जा रही है, ताकि खतरे की आहट होने पर फौरन अगले कदम उठाए जा सकते हैं।
जेलर विज्ञानंद सिंह ने बताया कि मौजूदा स्थिति में किसी भी मामले में यहां पर निरूद्ध बंदी से उनके परिजन या वकील सप्ताह में एक बार बातचीत कर सकते हैं। यह चर्चा मोबाईल पर होगी। इसके लिए 200 रूपए शुल्क रखा गया है। इसमें 50 रूपए कार्ड के शामिल है। अधिकतम 5 मिनट का समय पूरी चर्चा के लिए सुनिश्चित किया गया है। जब तक नए आदेश जारी नहीं होते, यही विकल्प प्रभावी रहेगा।