जयपुर । कोरोना की दूसरी लहर में एक बात सभी समझ लें कि अब वायरस समय नहीं दे रहा। राजस्थान के कोटा शहर के सीनियर चेस्ट फिजिशियन डॉ. केके डंग ने बताया कि कोटा में 24 घंटे में 32 साल की एक महिला के दोनों लंग्स खराब हो गए। डॉ. डंग ने कहा, महिला मेरे परिचित की पत्नी हैं। 9 अप्रैल को उन्हें घबराहट हुई। न बुखार था, न खांसी-जुकाम। बीपी, ऑक्सीजन लेवल नॉर्मल था। एहतियातन एक्सरे कराया, जो पूरी तरह नॉर्मल था। दो दिन वे आराम से थीं। 12 अप्रैल की रात उन्हें घबराहट हुई और 13 को खड़ी भी नहीं रह पा रही थीं। सांस लेने में दिक्कत हुई। ऑक्सीजन लेवल 94 था। बुखार-जुकाम भी नहीं था। मैंने दोबारा एक्सरे कराया तो मेरी आंखें फटी रह गईं। दोनों लंग्स में अच्छे-खासे पैचेज थे। सीटी स्कैन कराया। दोनों लंग्स में बाइलेट्रल निमोनिया मिला, जो 80त्न से ज्यादा लंग्स में फैल गया। कुछ घंटों में ऑक्सीजन लेवल 76 पर आ गया। मैं समझ नहीं पा रहा हूं कि कोई युवा महिला, जिसे कोई बीमारी नहीं, इतनी जल्दी डेटोरियट कैसे हो सकती है? आप यूं समझें कि एक रात में तो चूहा भी किसी लकड़ी को इतना नहीं कुतर सकता, जितना वायरस ने रातभर में उनके लंग्स कुतर डाले। अगले दिन सुबह मुझसे रहा नहीं गया और मुझे लगा कि इस केस में किसी दूसरे डॉक्टर से भी डिस्कस करना चाहिए। मुझे ऐसा भी डाउट लग रहा था कि यह कोविड ही है या कोई और बीमारी। मैंने इंदौर में डॉ. रवि डोसी को कॉल किया और उन्हें सारी रिपोट्र्स भेजीं। डॉ. डोसी कोविड के मामले में बड़ा नाम है और उनके पास हजारों कोविड मरीजों का इलाज करने का अनुभव है। वे खुद देखकर हैरान थे, उन्होंने साफ किया कि यह कोविड ही है। यह सामान्य स्ट्रेन नहीं हो सकता, जो अब तक हम देख रहे हैं। उन्होंने भी रोगी को टॉसिलिजुमैब इंजेक्शन लगाने की सलाह दी। अभी महिला का ट्रीटमेंट चल रहा है, उम्मीद करते हैं कि उनकी स्थिति में सुधार होगा। लेकिन एक बात सभी को समझ लेनी चाहिए कि सेकंड वेव में यह वायरस बहुत कम समय दे रहा है। मैं इस केस को और इन्वेस्टिगेट कर रहा हूं।