कोलकाता । पश्चिम बंगाल के सियासी घमासान अपने चरम पर पहुंच गया है। भड़काऊ बयान पर कार्रवाई करते हुए चुनाव आयोग ने बीते दिन बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर प्रचार करने से 24 घंटे का बैन लगा दिया था। इसके विरोध में ममता मंगलवार को धरना दे रही हैं। वे कोलकाता में गांधी मूर्ति के पास अकेले ही धरने पर बैठी हैं और चुनाव आयोग के फैसले का विरोध कर रही हैं। वे यहां व्हील चेयर पर ही पहुंचीं और पेटिंग बनाई। पेंटिंग के बाद ममता बनर्जी ने लोगों को भी इसे दिखाया। मामला ममता की रायदिखी की रैली से जुड़ा है। यहां उन्होंने एक बयान देते हुए कहा था कि मैं मेरे अल्पसंख्यक भाइयों और बहनों से हाथ जोड़कर अपील करती हूं कि वे उन शैतानों की बात न सुनें, जिन्होंने भाजपा से पैसे लिए हैं। उनकी बात सुनकर वोट न बंटने दें। वे हिंदुओं और मुस्लिमों को लड़ाने वाले सांप्रदायिक बयान देते हैं। वह भाजपा के भेजे दूत हैं। अगर भाजपा सत्ता में आई तो आप बड़े खतरे में पड़ जाएंगे।
ईसी ने नोटिस पर ममता का जवाब- बयान वापस नहीं लेंगी
इस बयान पर संज्ञान लेते हुए चुनाव आयोग ने ममता बनर्जी को 7-8 अप्रैल को नोटिस भेजे थे। इस पर तब ममता ने कहा था कि चुनाव आयोग उन्हें 10 नोटिस भेज दे, वह अपने बयान वापस नहीं लेंगी। चुनाव आयोग ने अपने आदेश में कहा था कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने आचार संहिता के प्रावधानों का उल्लंघन किया है। उनके भड़काऊ बयानों से कानून व्यवस्था बिगडऩे की आशंका है। इससे चुनाव प्रक्रिया पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। आयोग ने ममता को सख्त चेतावनी देते हुए कहा था कि संहिता लागू रहने के दौरान वे सार्वजनिक तौर पर इस तरह के बयान न दें।