जोधपुर फलोदी में कचहरी परिसर स्थित उप कारागृह से सोमवार रात 8 बजे एक साथ 16 बंदी फरार हो गए। दिन में बंदी बैरकों के आगे खुली जगह में थे।
शाम बाद इन्हें बैरक में डाला जा रहा था। इसी दौरान अंदर से बंदियों ने गेट का ताला खोल रहे कांस्टेबल, पास खड़े कार्यवाहक जेलर व एक सिपाही को धक्का दिया और बाहर भाग वहां खड़े सिपाही की आंखों में मिर्ची और सब्जी का घोल फेंक दिया। फिर आगे तैनात महिला गार्ड को उठाकर दूसरी ओर फेंक फरार हो गए।
यह कोई आकस्मिक घटना नहीं बल्कि पूरी तरह सुनियोजित साजिश थी, क्योंकि भागने के बाद जेल के बाहर पहले से एक स्कॉर्पियो खड़ी थी, जिसमें बैठकर सभी एक साथ फरार हो गए। अधिकतर बंदी तस्करी और हत्या के आरोपी हैं। एडीएम हाकम खान, एसडीएम यशपाल आहुजा, डीएसपी पारस सोनी, फलोदी थानाधिकारी राकेश ख्यालिया मौके पर पहुंचे।
बंदियों की तलाश में जिले और आसपास ए-ग्रेड की नाकाबंदी की गई है। साथ ही पड़ोसी जिलों बाड़मेर, जैसलमेर, बीकानेर व नागौर की सीमाएं सील कर दी गई, लेकिन देर रात तक एक भी बंदी का सुराग नहीं लग पाया। इसे प्रदेश का अब तक का दूसरा सबसे बड़ा फरारी कांड बताया जा रहा है। इससे पहले फरवरी, 2010 में चित्तौड़गढ़ की जिला जेल से एक साथ 23 कैदी फरार हो गए थे।