धरमजयगढ़-जोहार छत्तीसगढ़।
अंबेटिकरा मन्दिर सोने में मिलावट की आखिर सच सामने आ गई। विनायक हॉलमार्क रायपुर में जांच से अटकलों पर विराम लग गया। बता दें कि मंदिर के स्वर्ण आभूषणों पर मिलावट का आरोप लगा था। जिसे जांच कराने पर मिलावट की पुष्टि हो गई। जिस सोने के आभूषणों को धरमजयगढ़ के वासुदेव नारायण ज्वेलर्स से 23 कैरेट का मूल्य देकर खरीदा गया था वह जांच में 18 कैरेट पाया गया है। मिलावट पाने जाने के बाद मन्दिर समिति के अध्यक्ष अनुविभागीय अधिकारी राजस्व धरमजयगढ़ संबित मिश्रा ने समिति की आज बैठक बुलाई है। अब देखना होगा कि वासुदेव नारायण ज्वेलर्स के संचालक नारायण सोनी ने ऊपर क्या कार्यवाही होती है। बता दे कि पूरे नगर सहित आसपास के लोगों में मां अम्बेटिकरा मंदिर के आभूषणों में मिलावट को लेकर भारी आक्रोश है। लोगों का कहना है कि बासुदेव नारायण ज्वेलर्स के संचालक पर तत्काल समिति पुलिस थाना में एफआईआर करवाये। ज्वेलर्स दुकानदार पर लोगों का घूसा दिनों दिन बढ़ता जा रहा है क्योंकि आभूषणों की जांच हुए एक साप्ताह से अधिक हो गया है और अभी तक घोटाले बाज दुकानदार पर किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं हुआ है। लेकिन आज आभूषण में मिलावट के मामले में मंदिर समिति के अध्यक्ष एसडीएम धरमजयगढ़ संबित मिश्रा समिति के सदस्यों के साथ 3 बजे एक अहम बैठक करेंगे, समिति के सदस्यों के राय जानने के बाद मिलावटी बाज दुकानदार पर कानूनी कार्यवाही कर सकते हैं। मजेदार बात है कि माता के आभूषणों में मिलावट करने वाला सोनार दुकान भी लाखों के शासकीय भूमि को बेजा कब्जाकर निर्मित किया है। जब से मंदिर के सोना में मिलावट की बात सामने आया है तब से क्षेत्रवासियों ने बेजा कब्जा हटाने की मांग करने लगे हैं। अब देखना होगा कि समिति माता के आभूषणों में मिलावट करने वाले मिलावट बाज दुकानदार पर क्या कार्यवाही करते हैं?