जोहार छत्तीसगढ़-लैलूंगा।
मानिकपुरी पनिका समाज युवा संगठन का वैचारिक बैठक सम्पन्न हुआ बैठक में सामाजिक संगठन के विषय में चर्चा हुई। इस अवसर पर बैठक में मुख्य रूप से अंजनी दास महंत व तुलसी दास महंत, के विशेष उपस्थिति में बैठक हुई बैठक को संबोधित करते हुए अंजनी दास ने कहा कि.आज हमारे समाज में जो आज के स्थिति रीति नीति है उसको लेकर समीक्षा किया गया वही समाज के तात्कालिक मुद्दों पर उन्होंने कहा कि आज समाज को जिस चीज की आवश्यकता है। उसको पूरा करना है साथ ही युवाओ को मजबूती से समाज कार्य मे भागीदारी के साथ समाज के उत्थान के लिए प्रोत्साहित किया गया सामाजिकता और समाज हित से अधिक चाहत संगठन में पद के लिए बढ़ रहा है। लेकिन लोग समाज का क्या होगा इस पर फ ोकस नहीं करते है।और इसी चाहत में लोग शकुनी चाल चलने से भी नही कतराते। इस बात को भूल जाते हैं कि व्यक्ति से बड़ा संगठन है और संगठन से बड़ा समाज आज हम समाज की स्थिति को देंखे तो समाज अपनी गौरव को खोते जा रहा है। अस्मिता और संस्कृति ही वो मजबूत धागा है जो समाज को एकता के सूत्र में बांधे रख सकता है। वही युवा पत्रकार बज्रदास ने कहा कि आज हम कबीर धर्म को दरकिनार कर अपने धर्म को भूल रहे हंै जिससे हमारा समाज इस्तरहीन हो रहा है अगर हम युवा सब एक हो और समाज को आगे बढ़ाने में रचनात्मक कार्य करे तो निश्चित रूप से हमारा समाज आगे बढ़ेगा और देश प्रदेश तक अपना छाप छोड़ेगा सवाल ये उठता है कि क्या समाज की संस्कृति और सम्मान के संरक्षण-संवर्धन के लिए अपना सब कुछ दांव पर लगाने का जज्बा बचा है क्या समाज के युवाओं को अपने मानिकपुरी होने पर नाज होता है गर्व अनुभव होता है अगर समाज के युवा पीढ़ी पुराने ढर्रे को सोच कर या आपसी मतभेद को सामाजिक जीवन में लाये तो समाज के नाम पर एकता बन ही नहीं सकती और ना ही संगठन बन सकता है और ना ही समाज के लोगों को संगठन से कोई लगाव रहेगा संगठन मात्र एक औपचारिकता भर बनके रह जाता है। मैं समझता हूं कि समाज हित के लिए जो लोग बरगलाना चाहते संगठन का मोह भंग करते है हमें ऐसे लोगों के बात पर ध्यान नही देना है हम सब एक होकर समाजहित के लिये संगठित होना है साथ सामाजिक बुराईयों को दूर करना है आज हम फ ुटबाजी के शिकार होते है जिसके कारण हम राजनीतिक पार्टियों के लिये सिर्फ स्वार्थवश उपयोग होते है अगर हम सब एक न हो तो कभी भी ना तो समाज का भला कर सकते ना सामाजिकता स्थापित कर सकते। इस अवसर पर तुलसी दास ने कहा कि जब तक आपसी भाई चारा नही होगा हम बिते हुए बातो को भूलकर आगे निकलना होगा जब हमारा संगठन मजबूत होगा तो निश्चित ही हमारा समाज भी मजबूत होगा लगातार मैं समाज सुधारक के रूप में कार्य करता रहा हूं और मैं आप सबो के सहयोग व मार्गदर्शन में समाज को एक नया इतिहास रचते देखना चाहता हु और ये तब सम्भव है जब आप सब एक होंगे वही समाज के वरिष्ठ देवप्रकाश महंत ने सभी से आग्रह किया कि समाज मे आज के पीढ़ी नशेबाजी में रुचि दिखा रहे हंै उन्हें उन सब को त्याग कर समाज के कार्य पर रुचि दिखाना चाहिए आज हमारा समाज शिक्षा के क्षेत्र में व्यापार के क्षेत्र में बहुत पिछे है इस पर युवाओ का रुचि होना चाहिए साथ ईश्वर दास,अंजू दास ने भी समाज संगठित मुद्दों को लेकर अपना विचार रखा आज युवा पीढ़ी ही समाज की रीढ़ की हड्डी है अगर युवा चाहे तो असंभव को संभव कर सकता है आज हमारा समाज अन्य समाज से काफ ी पीछे चल रहा है जिसका कारण है सिर्फ और सिर्फ समाज मे फु टबाजी इन सब को भूल कर नया इतिहास रचना है इसी तरह सभी युवाओ ने अपना विचार प्रगट किये आगामी बैठक पर भी चर्चा हुई है।