धरमजयगढ़-जोहार छत्तीसगढ़। धरमजयगढ़ के रैरुमा चौकी अंतर्गत हुए अपहरण के मामले में रायगढ़ पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार सिंह ने बड़ी सफलता हासिल की है। और अपहरण के चंद घन्टो के पश्चात ही इस पूरे घटनाक्रम को सुलझा लिया है। इस घटना में जानकारी के अनुसार धरमजयगढ़ थाना के रैरुमा पुलिस चौकी के बरहामुड़ा निवासी संजू बड़ा का 12 वर्षीय पुत्र राहुल बड़ा को अज्ञात लोगों द्वारा किडनैप कर लिया गया है और मोबाइल फोन पर कॉल करके पांच लाख रुपये की फिरौती मांगी गई है। मामले की गम्भीरता भांपते हुए चौकी प्रभारी उपनिरीक्षक जेम्स मिंज ने तत्काल बिना समय गंवाए घटना की जानकारी अपने उच्चाधिकारियों को दी। इसके बाद पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार सिंह द्वारा सहायक पुलिस अधीक्षक पुष्कर शर्मा, एसडीओपी धरमजयगढ़ सुशील कुमार नायक को रात में ही रैरुमा के लिए रवाना किया तथा चौकी प्रभारी जूटमिल, लैलूंगा, घरघोड़ा, तमनार, और कापू के थाना प्रभारियों को अपने अपने इलाके में नाकेबंदी करने का आदेश करने के साथ गांव के ही करीब डेढ़ सौ लोगों से पूछताछ करने में जुटी और जब पूछताछ की बारीकियों पर नजर डाला गया तो पता चला कि अपहृत बालक के पिता ने कुछ माह पूर्व अपनी पुस्तैनी जमीन बेची थी और स्कार्पियो वाहन खरीदने की चर्चा अपने चित्त परिचित लोगो से की थी। इसके बाद तहकीकात में तेजी आई और आरोपी किस्म के लोगो की खोजबीन शुरू की गई तो गांव में पूर्व में चोरी के आरोप में पकड़ाय अरुण टोप्पो के बारे में पूछताछ की गई और अरुण टोप्पो तथा उसके दो और साथी को संदेह के दायरे में रखा गया। वही सुबह पुलिस की एक टीम को सूचना मिली कि जंगल के भीतर तीन नकाबकोश बच्चें का हाथ पैर बांधकर रखे हुए हैं। और इसी बीच रायगढ़ एसपी संतोष कुमार सिंह रैरुमा चौकी पहुँचे तथा घटना की पूरी जानकारी लेते हुए एडिशनल एसपी के नेतृत्व में एक टीम बनाकर रेस्क्यू किया और जंगल से किडनैपर्स के चंगुल से अपहृत बालक को सही सलामत छुड़ा लिया गया। आरोपियों के पास से तीन मोबाइल तीन चाकू मोटरसाइकिल और अपहृत बच्चे की सायकल मिली है। वही इस घटना को अंजाम देने वाले मास्टरमाइंड विकास तिर्की ने पुलिस को बताया कि बच्चे के पिताजी के पास इस समय काफी रुपया है। इसे किडनैपिंग करके पैसे मांगे जाय और अपने दो अन्य साथियों के साथ इस पूरे घटना का प्लान बनाया। वहीं 24 दिसंबर की शाम अपहृत बालक राहुल बड़ा गेंहू लेकर गांव के हालर पर गया तो उसे किडनैप कर जंगल में ले गये जहां बच्चे का हाथ पैर बांधकर रखे थे।