जोहार छत्तीसगढ़-बीजापुर।
बस्तर अधिकार मुक्तिमोर्चा के जिला सयोंजक भरत कश्यप ने बयान जारी करते हुए कहा कि जिले के शिक्षा विभाग में नियम विरुद्ध हुई भर्तियों व अनुकम्पा नियुक्तियों पर कमिश्रर बस्तर को की गई शिकायतों के आधार पर हुई जांच के उपरांत वर्षों बाद सरकार द्वारा तात्कालिक डी ई ओ राजेन्द्र झा के निलंबन की कार्यवाही को सही कदम बताते हुए इस फैसले को सरकार का भ्रष्टाचार के खिलाफ बस्तर में पहला मजबूत कदम बताते हुए इस कदम का स्वागत करते हुए कहा कि यह कार्यवाही बस्तर के हजारों बेरोजगारो के अंदर न्याय की उमीद जगाएगी व संविधान पर भरोषा बढ़ाएगी। इस लड़ाई में मुख्य रूप से कमर्चारियों के संघटन अजाक्स, संयुक्त मोर्चा व बस्तर अधिकार मुक्तिमोर्चा का अहम रोल था। जिसने बस्तर के बेरोजगारों के अवसरों से हो रहे खिलवाड़ के खिलाफ एक बड़ी लड़ाई इन भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों की सरकारी नियमो से खिलवाड़ की मनमानी से लड़ी है। देश के राष्ट्र पिता महात्मा गांधी जी ने कहा है। सत्य परेशान हो सकता है। पर पराजित नहीं इसका यह जीता जगाता उदाहरण यह घटना है। वर्षों की लड़ाई के बाद न्यायलय की शरण व विधानसभा के ध्यान आकर्षण प्रश्न के बाद सरकार की आंख खुली है। वह यह निलबंन की कार्यवाही हुई है। किये गए अपराध के खिलाफ यह एक छोटी सजा है। बस्तर अधिकार मुक्तिमोर्चा व अन्य संघटन सरकार से मांग करता है। कि इस नियम विरुद्ध कृत्य के लिए सम्बंधित अधिकारी व कर्मचारियों के खिलाफ आपराधिक मामला पंजीबद्ध हो कार्यवाही की जानी चाहिए। वह जिन मासूमो की नौकरी इन अधिकारियों की गलती की वजह से मुसीबत में आई है। उस पर शाहनुभूति पूर्वक फैसले ले उनके भविष्य को सुरक्षित रखे। वह कई वर्षों से बस्तर के शिक्षा विभाग में शिक्षा महाफिया बन चुके मठाधीश कर्मचारियों पर कार्यवाही व तबादले किये जायें ताकि बस्तर की शिक्षा व्यवस्था मजबूत हो सके।