जोहार छत्तीसगढ़-धरमजयगढ़।
छत्तीसगढ़ में मेहनतकश महिलाओं की कमी नहीं है। केवल अवसर चाहिए जिसका जीता जागता उदाहरण धरमजयगढ़ क्षेत्र में देखने को मिल रहा है। इसी कड़ी में महिला समूहों की महिलाएं अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत करने शासन की योजनाओं पर भली भांति ध्यान दे रही है। तथा जैविक खेती के साथ पौष्टिक साग-सब्जी का उत्पादन बढ़ाने का कार्य कर रही है। धरमजयगढ़ के ग्राम शाहपुर की मां भगवती महिला स्व सहायता समूह की महिलाए गौठान समिति के सदस्यों के साथ मिलकर गोबर से वर्मीकम्पोस्ट तैयार कर रही है। और इन्होंने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान के अधिकारियों से वर्मी कम्पोस्ट खाद यानी कि केंचुआ खाद बनाने की विधि के बारे में जानकारी ली। और इस कार्य का संचालन शाहपुर के गौठान में करना शुरू किया। समूह की महिलाओं ने गौठान में वर्मी बेड स्थापित किया है और केंचुआ खाद बनाने का काम कर रही है जो ढाई से तीन माह में तैयार हो जाएगा। इस कार्य को बड़े पैमाने पर खाद बनाने और बेचने का सपना बुन रही इन महिलाओं के कार्य की क्षेत्र में सराहना की जा रही है। इसके अलावा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए कृषि आधारित कार्य को भी गौठान ग्रामों में विशेष महत्व के साथ आगे बढ़ाया जा रहा है। गौठानों का संचालन करने वाली समितियों की आय बढ़ाने के लिए आलू की खेती भी की जा रही है।