घरघोड़ा-जोहार छत्तीसगढ़।
घरघोड़ा में 3 जुलाई की रात सवा नौ बजे के करीब शासकीय अस्पताल से महज कुछ दूर पर स्थानीय लोगो ने NTPC के मजदूरों को एक टाटा सूमो में भेड़ बकरियों की तरह बैठाकर ले जाते कम्पनी कर्मचारियों को रोका और मजदूरों के सम्बन्ध के जानकारी मांगी जिस पर उपस्थित रोहित सिंग इंजीनियर, विकास कुमार शालीमार कंपनी के कर्मचारी ने भ्रामक जानकारी देते हुए बताया कि उक्त मरीजो को खाना खिलाने कैंटीन ले जाया जा रहा था और इन मजदूरों को NTPC के पीछे स्थित शासकीय गर्ल्स हॉस्टल में कोरेंटाइन किया गया है जबकि मौके पर घरघोड़ा स्वास्थ्य विभाग के डॉ मिंज भी मौजूद थे और उन्होंने बताया कि उक्त गर्ल हॉस्टल में ये मजदूर कोरेंटाइन नही है !!मजदूरों से पूछताछ में सामने आया की वे सभी 10 दिन पहले ही आये हैं और उन्हें कम्पनी वाले इसी तरह खाना खिलाने ले जाते लाते है!! स्थानीय लोगो के बढ़ते आक्रोश व हंगामे जैसी स्थिति के बीच घरघोड़ा नायाब तहसीलदार मौके पर पहुंचे !! नायब तहसील दार ने भी जब शालीमार कम्पनियो के उक्त लोगो से पूछताछ की तो कम्पनी के लोग हाथ जोड़ने लगे जिस पर नायब तहसीलदार ने कल FIR की जायेगी की घोषणा के साथ कम्पनी वालो को मजदूरों को वापिस ले जाने का आदेश दे दिया।
नहीं किये गए बाहर से आये मजदूर कोरेटाइन
इन बाहरी मजदूरों को घरघोड़ा में चोरी छिपे लाया जाना और पकड़े जाने के बाद भी मजदूरों को तुरन्त कोरेटाइन न करना एवं कल FIR की बात थोड़ी अटपटी लगती है !!मौके पर आये तहसीलदार व स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों द्वारा उपस्थित आम लोगो के समक्ष यह पुष्टि की गयी की उक्त सभी मजदूर कब आये और कहाँ कोरेंटाइन है इसकी सूचना उन्हें कम्पनी ने नही दी है!! जबकि वह सभी लोग सरकारी भवन (गल्र्स हॉस्टल घरघोड़ा) में रुके हुए हैं बीते पिछले 9 दिनों से और खुलेआम उन मजदूरों को शहर के गाड़ी में भरकर घुमाया जा रहा था इसके बावजूद कार्यवाही की गति अपने आप में सवाल खड़े करती है।
भेड़ बकरियों की तरह गाड़ी में बैठे थे मजदूर
शालीमार कम्पनी में काम करने लाये गये इन मजदूरों को खाने के लिए जिस तरह गाडी में भेड़ बकरियों की तरह बैठाया गया था उससे सहज अंदाज लग जाता है कि बाकी नियमो का कम्पनी के अंदर किस तरह पालन किया जाता होगा !!कम्पनियों में आखिर किसकी शह पर बाहरी राज्यो से मजदूर बेख़ौफ़ पहुंच रहे हैं और किसकी शह पर आसानी से शहर में बिना प्रशासन को भनक लगे भेड़ बकरियों की तरह गाड़ियों में बैठकर घुमाये जा रहे हैं इसका जवाब प्रशासन को देना चाहिए क्योंकि कोरोना काल में इस तरह की लापरवाही कई जिंदगियों पर भारी पड़ सकती है।
मौके पर मौजूद नयाब तहसीलदार घरघोड़ा
गर्ल्स हॉस्टल इन मजदूरों के रुकने की हमें कोई जानकारी नहीं है!!
डॉक्टर मिंच ( स्वास्थ्य विभाग घरघोड़ा)
मेरी जानकारी में वहां( गर्ल्स हॉस्टल घरघोड़ा)किसी प्रकार के लोगों को कोरेंटी नहीं किया गया।
डॉक्टर शर्मा ( स्वास्थ्य विभाग घरघोड़ा)
कोरोना नोडल
गर्ल्स हॉस्टल घरघोड़ा स्पेशल केस जैसे कि गर्भवती महिला को कोरेंटिन के लिए रखाने के लिये था। फिलहाल मेरी जानकारी में वहां किसी को कोरेंटी नहीं किया गया। ना वहां हमने किसी प्रकार की सैंपलिंग की है।