जांजगीर-चाम्पा-जोहार छत्तीसगढ़। हमेशा विवादों में रहने वाला चाम्पा डिवीजन एक बार फिर से सुर्खियों पर है पूर्व में एक कर्मचारी 25 वर्षो से एक ही जगह पर रसूख के बल पर अंगद की तरह पाव पसार के जमे रहे है ज्ञात हो कि पूर्व में कृष्ण कुमार द्विवेदी का रिटायरमेंट 31जनवरी 2020 को हो चुका है, लेकिन कुर्सी का मोह अभी तक गया नही है, यही कारण है कि सप्ताह में चार-पांच दिन 12 बजे के बाद विद्युत विभाग का कार्यालय पहुच के कार्य सम्पादित करते है एवं अभी भी मलाई दार विभाग उनके कब्ज़े में है। हम उस कर्मचारी की बात कर रहे है जो पूर्व में विद्युत विभाग में एसओ, सहायक जनसूचना अधिकारी, गोपनीय शाख, कैशियर,अनुभाग अधिकारी, पेंशन शाखा ये मलाई दार सेक्शन उनके कब्जे में था और आज पांच माह बीत जाने के बाद भी उसी के कब्जे में है। हठधर्मिता और मनमानी करना ही इनका मुख्य उद्देश्य है यही कारण है कि कर्मचारियों को बार-बार नोटिश देकर, इंक्रीमेंट रोक कर परेशान किया जाता रहा है ऐई, जेई की शिकायते होने पर निर्दोश छोटे कर्मचारियों को झूठी शिकायते करके सस्पेंड कर Uदिया गया या अन्य जगह ट्रांसफर करवा दिया गया व सर्विस बुक को भी रोका गया गुप्त शाखा का भी भरपूर लाभ उठाएं है कहा जाए तो पूरी तरह से मानसिक एवं शारीरिक शोषण किया गया है और विद्युत ठेकेदारों से जो अधिक कमीशन दिया उसे ही कूट नीति करके काम दिया गया ये सारे अनैतिक कार्य डीई के.एन. सिंह के सह पर हो रहा है कृष्ण कुमार द्विवेदी रिटायरमेंट के बाद भी मनमाने तरीके से दफ्तर आना जाना करते है इसमें डीई के.एन सिंह एवं पूर्व कर्मचारी द्विवेदी की संलिप्तता नजर आ रही है जो अपने रसूख के बल पर आज भी कार्य कर रहे है द्विवेदी और डीई की ढोरों शिकायते हुई है लेकिन आज तक कोई कार्यवाही नही हुई है जो समझ से परे है।
फिजिकल डिस्टेंश का नही हो रहा पालन
विद्युत विभाग में रिटायरमेंट कर्मचारी कृष्ण कुमार द्विवेदी पहले जिस कुर्सी पर बैठते थे आज भी उसी कुर्सी पर बड़े सान से बैठ रहे हैं और पूरी तरह से सरकारी सेवाओं का लाभ ले रहे है, ना ही फिजिकल डिस्टेंश का पालन कर रहे है एवं शासन द्वारा सख्त निर्देश है कि इस कोरोना काल मे साठ वर्ष से ऊपर के बुजुर्गों को घर पर रहने की सलाह दी गई है लेकिन कृष्ण कुमार द्विवेदी 62 वर्ष पार कर चुके हैं। सूत्र बताते है कि विद्युत विभाग के पूर्व कर्मचारी कृष्ण कुमार द्विवेदी अधिक लाभ कमाने के चक्कर मे रिटायरमेंट के बाद भी दफ्तर में बैठ कर कार्य संपादित कर रहे है और पूर्व की भांति अभी भी छोटे कर्मचारियों को अपनी रुतबा दिखा कर मन माफिक कार्य करवाने को बाधित कर रहे है, और तो और सरकारी गाड़ी को भी अपने निजी कार्यो में दुरुपयोग करते भी देखा गया है, व जब रिटायरमेंट हुआ तब बिदाई पार्टी मनाने के लिए कर्मचारियों से उगाही भी किये है। अब देखना यह है कि उच्च अधिकारियों द्वारा डीई सिंह और पूर्व एसओ द्विवेदी के खिलाफ क्या कार्यवाही किया जाता है या नही की पूर्व की भांति इस बार भी उच्च अधिकारी द्वारा चंद पैसे लेकर अभयदान दे दिया जाएगा।
द्विवेदी रिटायरमेंट के बाद भी किस लिए आफ़िश में बैठ रहे है ईश बारे में मुझे कोई जानकारी नही है डीई ही ज्यादा बता पाएंगे मै कुछ नही कह सक्ता।
मनीष तनेजा, अधीक्षण यंत्री, विद्युत विभाग जांजगीर