लैलूंगा-जोहार छत्तीसगढ़। प्रदेश सरकार ने खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत प्रत्येक परिवार को रियायती दर पर राशन देने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री का दावा है कि अब प्रदेश का कोई भी व्यक्ति राशन के नाम पर भूखा नहीं सोएगा। लेकिन जमीन हकीकत इसके उलट है। पंचायतों के सरपंच व सचिवों ने इस मौके को भुनाना शुरू कर दिया है। हितग्राहियों से 2000 से 3000 रुपए तक कार्ड बनाने के नाम पर पहले पैसे मांगे जा रहे हैं। इस तरह की शिकायत लेकर आयदिन ग्रामीणों की शिकायत लगातार जारी है। लैलूंगा विकासखंड के ग्राम पंचायत रेगड़ी में कई गरीब परिवारों के पास राशनकार्ड उपलब्ध नंही है जिसे लेकर ग्रामीणों ने बार बार राशनकार्ड बनवाने आवेदन दिया किन्तु रिश्व्त के आभाव में आवेदन रद्दी की टोकरी में चली गई।और बेचारे गरीब परिवार के लोग परिवार का पेट भरने अपनी भुजाओ के दम पर ही अपने परिवार की गाड़ी चला रहे हैं। लेकिन शासन की इस योजना का लाभ दिलाने गाँव के ही एक नेता तथा राशन वितरक नूतन प्रधान ने इन जरूरतम ग्रामीणों से दो दो हजार रुपये लेकर कार्ड बनाने का आस्वासन दिया मगर जिस ग्रामीण ने इनकी झोली में रुपये डाले उन्हें राशनकार्ड के दायरे में रखते हुए उनका राशनकार्ड बनवाया लेकिन जिस गरीब को दाने दाने के लिए तरसना पड़ रहा है उसे और भूखे मरने के लिए छोड़ दिया गया है ऐसे में राशनकार्ड का असली हकदार दर दर भटकने को मजबूर हैं तो वही अपने आप को भाजपा नेता का दम भरने वाले नूतन प्रधान की इस हरकत से ग्रामीण त्रस्त है।