कविराज, जोहार छत्तीसगढ़l
कोरिया। मासूम की जान तडप तडप करचली गई कोरिया जिले के चिरमिरी क्षेत्रस्थित हल्दी बाडी सडक दफाई में जहां बीते दिनो एक बच्चे को किसी विषैले जीव के काटने से उसे 11 बजे सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बडा बाजार लाया गया वहा डक्टर ने इंजेक्शन लगाने का आदेश दे दिया । इंजेक्शन लगाने के पश्चात डॉक्टर ने उसे घर जाने को कह दिया और परिजन बच्चे को घर ले आय आपको बता दे की परिजनो ने सीधे तौर पर बडी बजार सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के डाक्टर पर सीधा लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा की सुबह जब बच्चे को अस्पताल लाया गया तो बच्चा मोटर साईकिल मे बैठ कर आया किसी जीव के काटने से उसके पाव मे हल्का सुजन आया था डाक्टर के कहने पर नर्स ने इन्जेक्शन दे तो दिया फिर कह गया कि घर ले जा सकते हो परिजनो ने यह आरोप भी लगाया कि डाक्टर ने बच्चे को भर्ती तक करना ठीक नही समझा। जब बच्चे को घर लाया गया तो उसकी तबयत बीगडते चला गया जब उसे दुबारा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र लाया गया फिर बच्चे को डाक्टर ने प्राइमरी जांच शुरू की और एक इंजेक्श्न लगा दीया जब बच्चे की तबीयत और बिगड़ी तो डॉक्टर ने कहा रेफर की बात और रेफर करने तक बच्चे की मृत्यु हो चुकी थी । डॉक्टर ने मृत बच्चे को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया परिजन नेे बताया जब हम डॉक्टर से बच्चे को दिए गए दवाइयों की पर्ची मांगी तो डॉक्टर ने हामी भरा था लेकिन बाद में उन्होंने इंकार कर दिया और कहा कि दवाई लिखी हुई चिट्ठा हम नहीं दे सकते
प्राप्त जानकारी के अनुसार डॉक्टरों की लापरवाही साफ तौर पर देखी जा सकती है
वहीं स्थानीय वार्ड नंबर 12 के पार्षद ने बताया कि बच्चे को किसी विषैले जीव ने सुबह के वक्त कांटा तो उसके परिजनों ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बड़ा बाजार चिरमिरी अस्पताल ले कर आए अस्पताल में डॉक्टर ने एक चिट्ठा मैं इंजेक्शन लिखकर के दीया कहां की नीचे लगवा लो बच्चे को चेक नहीं किया और बच्चे के परिजन ने नीचे वार्ड में जाकर के नर्स को चिट्ठा दिया समय के बाद परिजनों ने डॉक्टर से पूछा कि और कोई दवा की जरूरत है तो डॉक्टर ने साफ तौर पर कहा कि बच्चे को घर ले जा सकते बच्चे का तबीयत घर ले जा करके और बिगड़ने लगा तब उसे दोपहर को दोबारा अस्पताल लाने के बाद उसे दुबारा से इंजेक्शन दिया गया और बच्चे की तबीयत बिगड़ती चली गई और उसकी मृत्यु हो गई आश्चर्य की बात यह है कि जहां पर डॉक्टरों को भगवान का दर्जा दिया गया है और डॉक्टर मरीजों की जान बचाने में सहायता करते हैं वही बात करें बड़ी बाजार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की तो तो यहां की व्यवस्था लचर है सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हुई कहीं ना कहीं डॉक्टरों की घोर लापरवाही एवं उदासीनता के कारण एक मासूम की जान चली गई स्थानी पार्षद ने यह भी बताया कि बच्चे की मृत्यु के पश्चात इसकी जानकारी अस्पताल के द्वारा पुलिस को नहीं दी गई सबको परिजनों के सुपुर्द कर दिया परिजन शव को घर लेकर आ गए थे फिर मैंने और मृत बच्चे के पिता ने चिरमिरी पुलिस को सूचना दी।
इस तरह से डॉक्टरों की घोर लापरवाही से कहीं ना कहीं स्वास्थ्य विभाग समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बड़ा बाजार पर प्रश्न चिन्ह लगता है किसी जहरीले जीव के काटने के पश्चात बच्चे ने 4 घंटे जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ी आखिरकार मौत ने बच्चे को हरा ही दिया बरसात के दिनों में अक्सर ऐसी घटना सामने आती रहती है लेकिन अगर डॉक्टर की मुस्तैद और सजगता से काम किया जाए तो मरीज की जान बचाई जा सकती है
चिरमिरी टीआई ने बताया कि यह मामला की जानकारी प्राप्त हुई थी की लगभग 3 साल के बच्चे को किसी जहरीले जंतु के काटने से मृत्यु हो गई है हम ने मर्ग कायम कर मामले को जांच में लिया है थाना प्रभारी ने यह भी बताया कि उन्हें बच्चे के परिजन ने मौखिक रूप से सूचना दिया था कि डॉक्टर ने बच्चे को प्राथमिक उपचार कर छुट्टी दे दीया था टीआई ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने तक कुछ कहा जा सकता फिलहाल इतना तो तय है बच्चे की मृत्यु जहरीले जंतु के काटने से हुआ अब वह न्यूरोटोक्सीन है या फिर हिमो टॉक्सिन है यह तो प्रशिक्षण के पश्चात ही पता चल पाएगा फिलहाल जांच जारी है
कल सुबह बच्चे को उसके परिजन अस्पताल लेकर आए थे लगभग 11 बजे मैंने उसे देखा बच्चा स्वस्थ कंडीशन में था उनका प्राथमिक इलाज किया गया उसके बाद उन्हें बैठने को कहा गया हम ओपीडी में थे थोड़ी देर बाद बच्चे के परिजन आसपास नहीं दिखे लगता था वह घर चले गए जब पत्रकार ने और जानकारी जुटाना चाह फोन के माध्यम से तो ,डॉक्टर साहिबा ने कहा मैं अभी बिजी हूं घर पर हूं ड्यूटी टाइम पर आकर मिलिये।
डॉक्टर राय