प्रीतम जायसवाल,जोहार छत्तीसगढ़।
कोरबा। कोरबा केन्द्र सरकार द्वारा जहां विश्व वैश्विक नोवेल कोरोना वायरस संक्रमण के रोकथाम को लेकर देशभर में लगातार पाँचवे चरण का लाकडाउन लगाया गया है ताकि कोरोना वायरस के सक्रमण की चपेट में आने से लोगों को बचाया जा सके केंद्र सरकार ने गाइडलाइन जारी करते हुए उक्त संक्रमण से बचाव हेतु किसी भी प्रकार के भीड़ इकट्ठी होने वाले कार्यक्रम, समारोह, बैठको जलसों आदि का आयोजन करने पर पूर्णतः प्रतिबंध लगाया है। लेकिन कटघोरा वन मंडल द्वारा शासन-प्रशासन के दिशा-निर्देशों बेखौफ होकर जंगल भीतर वन अधिकारियों-कर्मचारियों की उपस्थिति में विभागीय प्रशिक्षण कैम्प आयोजित किया गया जहाँ शाकाहारी के साथ मांसाहारी भोजन पार्टी का भी लुफ्त उठाया गया। मामला है वनमंडल कटघोरा अंतर्गत वन परिक्षेत्र पाली का जहाँ 4 जून को चैतुरगढ क्षेत्र में जेमरा के समीप रतखंडी जाने वाले मुख्यमार्ग से लगभग एक किलोमीटर दूर जंगल भीतर वन विभाग द्वारा नरवा, गरुवा, घुरवा, बारी के नाम पर प्रशिक्षण कैम्प आयोजित किया गया था।जिसमे स्वयं डीएफओ के अलावा एसडीओ सहित जटगा, चैतमा एवं पाली परिक्षेत्राधिकारी व कर्मचारीगण उपस्थित हुए थे।जिनकी संख्या लगभग 70 से ऊपर बताई जा रही है जहाँ विभाग द्वारा बकायदा टेंट लगवाकर शाकाहारी के अलावा मांसाहारी भोजन पार्टी का जमकर लुफ्त उठाया गया। इन दिनों पूरा देश कोरोना वायरस की महामारी के भयावह स्थिति से जंग लड़ रहा है और लोग केंद्र एवं राज्य द्वारा जारी दिशा निर्देशों का पालन करते हुए मास्क एवं सोशल डिस्पेंसिंग का पालन करते हुए घर में कैद होने पर मजबूर हैं अगर कोई बहुत जरूरी काम से बाहर जा रहा है तो मांस लगाकर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए नियमों का पालन कर रहा है लेकिन यहां नियम का पालन कराने वाले विभाग के उच्च अधिकारी की मौजूदगी में या यूं कहें उनके दिशानिर्देश में यह कार्यक्रम किया गया जिसमें सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाई गई जहां भीड इकट्ठी कर धारा 144 का भी कहीं न कहीं उल्लंघन किया गया जो समझ के परे है जबकि यह शासन-प्रशासन के दिशा निर्देशों व नियम के खिलाफ है और इस तरह के आयोजनों से करोना के फैलने का अधिक खतरा हो जाता है लेकिन नियमों को ताक में रखकर आयोजन कराया गया अब देखना है मीडिया में खबर आने के बाद इस प्रकार के आयोजन करता जवाबदार अधिकारियों पर किस प्रकार की कार्रवाई की जाती है ।