कोरिया। नगर पालिक निगम चिरिमिरी के नेता प्रतिपक्ष संतोष कुमार सिंह के द्वारा कलेक्टर कोरिया से की गई जांच की मांग पर जिला ड्रग अधिकारी के नेतृत्व में तीन सदस्यीय टीम के द्वारा पहले तो खड़गवां में स्थित क्रेशर प्लांट को खंगाला परंतु वहां पर किसी प्रकार का आपत्तिजनक सामान नहीं मिलने के कारण उनके द्वारा वार्ड क्र. 26 के पाषर्द से चार सैनिटाईजर की सीसी जप्त और सील कर और बयान लेकर कार्यवाही की गई परंतु आज भी वार्ड में बांटे गए सैनिटाईजर को औषधी निरीक्षक के द्वारा यह कहकर के जप्त नहीं किया की हम लोगों का काम केवल शिकायत कर्ता के यहां से ही सैनिटाईजर जप्त करने का अधिकार हैं। किसी भी जनप्रतिनिधि को शिकायत है वह जिला प्रशासन को शिकायत करे। उससे भी जप्ती की कार्यवाही की जाएगी।
राज्य में कोरोनावायरस के प्रवेश के फैलाव को रोकने के नाम पर नगर पालिक निगम कमिश्नर द्वारा आनन-फानन में सुरक्षा के नाम पर पार्षदों के मध्य पहुंचाए गये इंदौर के आशीष केमिकल द्वारा निर्मित स्टेप डी सैनिटाइजर का इस्तेमाल आम जनों द्वारा करने के उपरांत खराब क्वालिटी व गुणवत्ता विहीन पाए जाने पर समाचार पत्रों की सुर्खियां बनने के लगभग 2 सप्ताह बाद जिले ड्रग विभाग उस समय सक्रिय होने के लिए विवश हुआ है जब निजी स्वार्थ पूर्ति व मामले पर लीपा पोती करने के आरोप से घिरे ड्रग विभाग एक महिला पार्षद द्वारा गुणवत्ता विहीन या नकली सैनिटाइजर बांटने की शिकायत की गई इस संबंध में बताया जाता है कि राजनीतिक दबाव से मामला ठंडा होने की संभावनाओं से चुपचाप बैठा ड्रग विभाग अचानक सक्रिय हुआ और सबसे पहले खंडगंवा मार्ग पर स्थित एक क्रेशर व अन्य स्थान पर जांच तथा छापामारी के बाद शिकायतकर्ता महिला पार्षद के बयान के साथ और बोतल सैनिटाइजर सैंपल जप्त करने के लिए विवश हुआ जिससे इस सैनिटाइजर कांड में संलिप्त राजनेता व व्यवसायियों के संलिप्त होने के पदों की खुलने की संभावना जहां जागी है वही प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार जिस प्रकार ड्रग विभाग के साथ-साथ अन्य शासकीय विभाग इस मामले पर निष्क्रिय मौन साधे हुए हैं उससे लोगों के जान से खिलवाड़ करने वाले इस मामले का पर्दाफाश होना वर्तमान में मुश्किल जान पड़ता है क्योंकि इससे शासन की छवि भी दागदार हो सकती है वहीं इस मामले पर सत्ताधारी लोगों का यह आरोप है कि भाजपा व उसके लोगों के द्वारा नगर निगम की छवि खराब करने के लिए इस प्रकार के मनगढ़ंत व झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं।
बताया जाता है कि नगर पालिक निगम चिरमिरी में कोरोनावायरस से बचाव के लिए मध्यप्रदेश के इंदौर स्थित आशीष केमिकल के स्टेप डी सैनिटाइजर को कमिश्नर द्वारा पार्षदों को वितरित किए गए थे व फार्मा कंपनी लगभग 2 वर्षों से बंद बताई जाती है इस सेनीटाइजर के इस्तेमाल में खराब गंध आने वह समाचार पत्रों में इसकी निर्माता कंपनी के वर्षों पहले बंद होने की खबर से लोगों के हाथ पांव फूल गए थे और इसके गुणवत्ता को लोगों को लेकर लोगों ने अपने पार्षद व अन्य से गुणवत्ता संबंधी सवाल जवाब करना आरंभ कर दिया था लेकिन राजनैतिक व्यवस्था के चलते सब मौन साधने के लिए विवश थे। कुछ पार्षदों ने अपना नाम गुप्त रखते हुए बताया है कि सर्वप्रथम पार्षदों को 500 सैनिटाइजर व 1000 मास्क वार्ड में बांटने के लिए दिया गया था।