गुरुचरण राजपूत की विशेष रिपोर्ट।
धरमजयगढ़-जोहार छत्तीसगढ़। धरमजयगढ़ नगरवासियों तथा आसपास क्षेत्र के लोगों का बरसों से एक सपना था जो पूरा होने की कागार पर है। धरमजयगढ़ की नई रेल लाइन परियोजना के अंतर्गत खरसिया से धरमजयगढ़ तक बिछाई गई रेलवे लाईन के बीच स्थित प्रेमनगर में रेल्वे स्टेशन पूर्णतः तैयारी के पायदान पर है और धरमजयगढ़ नगर सहित आसपास के लोग इस रेल्वे स्टेशन का नजारा देखने पहुँच रहे हैं और जाए भी क्यों न क्योकि इस स्टेशन पर पहुचकर लोगों को किसी बड़े शहर के रेलवे स्टेशन में होने जैसे अनुभव महसूस हो रहा है। फोरलाईन बने इस पटरी में 2 मालवाहक ट्रेनें तथा 2 यात्रियों ट्रेनें चलाई जानी है। गुरदा, छाल, घरघोड़ा, कोरीछापर, कुड़ुमकेला, धरमजयगढ़, भालूमाड़ा और गारे पेलमा में 9 रेलवे स्टेशन बनाने की योजना में इन 9 जगहों पर रेलवे स्टेशन बनाए जाएंगे, जहां मालगाड़ियां और यात्री ट्रेनें रुकेंगी। रेल लाइन की लंबाई 132 किमी और लागत 3055 करोड़ रुपए है। धरमजयगढ़ से कोरबा के बीच 6 स्टेशन इस परियोजना में शामिल हैं इसके अंतर्गत धरमजयगढ़ और कोरबा-उरगा के बीच में 6 स्टेशन बनाए जाने की योजना है। इन स्टेशनों में शुरुआत मे धरमजयगढ़ के प्रेमनगर में बने स्टेशन का कार्य प्रगति पर है हालांकि देश में लगे लॉकडाउन की वजह से परियोजना का काम रुका हुआ है। लेकिन इस रेल्वे स्टेशन के बनने से क्षेत्र के लोगों में नए रोजगार मिलने एवं दूर की यात्राओं में राहत मिलने जैसी बातें कही जा रही है।
*इस परियोजना में मजदूरों को भूखे मरने की नौबत*
जोहार छत्तीसगढ़ की टीम जब धरमजयगढ़ के प्रेमनगर में बने रेल्वे स्टेशन का समाचार कवरेज करने पहुची तो फ़र्श में कोटा स्टोन का पत्थर लगाने वाले बाहर से आए मजदूरों ने बताया कि लॉकडाउन लगने की वजह से यहाँ का काम बंद है और आवागमन बाधित होने के कारण अपने घर भी नही जा सकते ऐसे में पिछले दिनों स्थानीय सरपंच द्वारा अनाज दिया गया था और जरूरत पड़ने पर फिर देने की बात कही है इसके अलावा एक स्थानीय ग्रामीण जो चौकीदारी का काम करता है उसे भी 2 माह से वेतन ना मिलने के कारण काफ़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।