धरमजयगढ़-जोहार छत्तीसगढ़। वर्तमान में कोविड-19 कोरोना वायरस को देखते हुए सभी अपने-अपने स्तर पर जी-जान लगाकर सेवाभावी कार्य में जुटे हुए हैं। जिसमें सबसे पहले डॉक्टर, पुलिस प्रशासन, सामान्य प्रशासन और विभिन्न विभाग के अधिकारी कर्मचारी, सफाई कर्मी अपना सेवा कार्य के लिए ड्युटी पर तैनात हैं। वहीं धरमजयगढ़ के सिविल अस्पताल में पदस्थ कुछ चिकित्सक बहाना बाजी कर ड्यूटी से भाग रहे हैं। डॉ विजय लकड़ा एवं डॉक्टर नैन्सी लकड़ा को जब से धर्मजयगढ़ सिविल अस्पताल में तात्कालिक कलेक्टर के द्वारा व्यवस्था के तहत भेजे जाने के बाद से ही इनके कामकाज को लेकर सवाल उठते रहें हैं। वर्तमान की नाजुक स्थिति को देखते हुए भी इनके कामकाज में कोई सुधार नहीं आया। पिछले दिनों की बात है जब कापू थानान्तर्गत ग्राम पेलमा से पोस्टमार्टम के लिए एक जली हुई महिला के शव को लाया गया लेकिन उन्होंने अपने ड्यूटी के दौरान इस महिला के शव को पोस्टमार्टम नहीं किया। और बाद में अनुविभागीय अधिकारी तक बात पहुंची फिर अनुविभागीय अधिकारी ने बीएमओ को फटकार लगाई तब जाके स्वयं उन्होंने इसका पोस्टमार्टम किया। इसी प्रकार कापू थाना क्षेत्र से ही एक और शव को यहां लाया गया था। जिसकी मृत्यु कुछ अज्ञात जहरीली चीज के काटने से हुआ था उसका भी पीएम 18 घंटा इंतजार करने के बाद स्वयं बीएमओ ने किया उस समय डाक्टर विजय लकड़ा ड्यूटी पर तैनात थे। इसी तरह डॉ विजय लकड़ा की पत्नी डॉक्टर नैंसी लकड़ा जचकी केस को देखना भी पसंद नहीं करती। और कोई भी जचकी पैसेंट आते ही उन्हें रायगढ़ रिफर कर दिया जाता है। कई बार तो देखने को मिला है कि धर्मजयगढ़ सिविल अस्पताल से जचकी केस जो रिफर कर दिया गया है वह ग्रामीण क्षेत्र के कई उप स्वास्थ्य केंद्रों के एएनएम द्वारा सफलतापूर्वक जचकी कराया गया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कुछ जचकी केस ऐसे भी हैं जिन्हें उक्त महिला चिकित्सक द्वारा रिफर कर दिया गया है। लेकिन वहां के अनुभवी नर्सों ने जचकी सफलतापूर्वक करा दिया। इस बात को लेकर महिला चिकित्सक उक्त नर्सों के ऊपर हमेशा नाराज रहती है और उल्टा सीधा उनके साथ दुर्व्यवहार करती है।