कोरबा । कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण देष में 14 अप्रैल तक घोषित लाॅकडाउन के चलते उत्तरप्रदेष के आजमगढ़ जिले के छह प्रवासी कामगारों को आज नायब तहसीलदार पवन कोसमा ने कुदमुरा के अस्थायी पुनर्वास केन्द्र में पहुॅंचाया है। इन प्रवासी कामगारों को यहाॅं अब 14 अप्रैल तक रखा जायेगा। इनके स्वास्थ्य परीक्षण और खाने-पीने की पूरी व्यवस्था जिला प्रषासन द्वारा की जा रही है। आज सुबह ही कलेक्टर किरण कौषल ने जिले की सीमा में आने वाले प्रवासी कामगारों को उनके गन्तव्य तक जाने नहीं देने और उन्हें कोरबा जिले के सीमावर्ती क्षेत्र में ही रखने के निर्देष दिये थे। यह छह कामगार उत्तरप्रदेष के आजमगढ़ जिले से विषाखापट्टनम काम के सिलसिले में गये थे। इस दौरान नायब तहसीलदार सोनू अग्रवाल और जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एस.एस. रात्रे भी मौजूद रहे। नायब तहसीलदार पवन कोसमा ने बताया कि अपनी टीम के साथ वे कुदमुरा क्षेत्र में प्रवास पर थे। कोरोना वायरस के संक्रमण के फैलाव को रोकने और नियंत्रित करने के लिये गांव-गांव में निरीक्षण एवं जागरूकता आदि का काम तेजी से प्रषासन द्वारा किया जा रहा है। इसी सिलसिले में पवन कोसमा अपनी टीम के साथ कुदमुरा की तरफ जा रहे थे। हाटी सड़क पर कोरबा की तरफ आने वाले ट्रक में यह छह कामगार सवार थे। आजमगढ़ जिले के नान्हूपुर ग्राम निवासी रामनारायण यादव, लारपुर गांव के निवासी अवधेष यादव, बबलू यादव, संजय यादव और विषाल यादव तथा सरेया गांव निवासी गौतम पाल को इस निरीक्षण दल ने ट्रक रोककर पूछताछ के लिये उतारा। इन कामगारों ने बताया कि वे अपने गांव से विषाखापट्टनम रोजी-रोटी कमाने गये थे। कोरोना वायरस के चलते लाॅकडाउन होने के कारण काम बंद हो जाने से उन्हें वापस लौटना पड़ा। रेलगाड़ी बंद होने के कारण वे किसी तरह लिफ्ट आदि लेकर रायगढ़ के रास्ते हाटी होते हुये यहाॅं तक पहुॅंचे हैं। जानकारी मिलने पर इन प्रवासी कामगारों को तत्काल कुदमुरा के प्री मै आदिवासी बालक छात्रावास के अस्थायी पुनर्वास केन्द्र के लिये भेजा गया। केन्द्र मंे इनके स्वास्थ्य परीक्षण के लिये मेडिकल टीम बुलाई गई है। साथ ही इनके भोजन, पानी की भी पूरी व्यवस्था की जा रही है।