घरघोड़ा। भारतीय जनता पार्टी अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य व पूर्व भाजपा मण्डल महामंत्री शकील अहमद ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और एनआरसी के मुद्दे पर मुस्लिमों को भ्रमित करने का आरोप कांग्रेस समेत विपक्षी दलों पर लगाया है। शकील अहमद ने कहा कि मुस्लिम समाज को विपक्ष की संविधान विरोधी सियासत का मोहरा बनने से बचने की जरूरत है। भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य व पूर्व भाजपा मण्डल महामंत्री शकील अहमद ने कहा कि सीएए और एनआरसी का विरोध करके कांग्रेस समेत पूरा विपक्ष मुस्लिमों को भ्रमित कर रहा है। मुस्लिम समाज के प्रबुध्द लोगों से सीएए को पूरा पढ़ने की सलाह देते हुए शकील अहमद ने कहा कि सीएए का नासमझी में विरोध न्यायसंगत नहीं है क्योंकि यह कानून किसी की नागरिकता छीनने वाला कानून नहीं है, अपितु पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के प्रताड़ित उन हिन्दुओं को भारत की नागरिकता देने वाला कानून है जो शरणार्थी के रूप में यहां वर्षों से यातनापूर्ण और बिना नागरिक-सम्मान के जीवन जीने को विवश थे। उन्होंने कहा कि मुस्लिम धर्मगुरुओं को भी इस कानून का बारीकी से अध्ययन करना चाहिए ताकि वे अनुभव कर सकें कि सीएए शरणार्थियों को इंसानी जिंदगी देने वाला इंसानियत का कानून है। शकील अहमद ने आगे कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह बार-बार सीएए को लेकर सब कुछ साफ-साफ देश को बता चुके हैं, बावजूद इसके विपक्ष इस मुद्दे पर भ्रम फैलाने की कोशिशों से बाज नहीं आ रहा है। भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य व पूर्व भाजपा महामंत्री शकील अहमद ने यह भी कहा कि भारतीय मुस्लिम समाज को घुसपैठियों का समर्थन कतई नहीं करना चाहिए। इन घुसपैठियों की वजह से एक तो भारतीय मुसलमानों की प्रगति और कल्याण के मौके छिन रहे हैं, दूसरे इन घुसपैठियों की आतंकवादी गतिविधियों और उन्माद फैलाने में संलिप्तता के कारण भारतीय मुस्लिम समाज बदनाम हो रहा है। रोहिग्यां हो या अन्य घुसपैठिए दोनों ही भारत और भारतीय मुस्लिमों के लिए परेशानी का सबब हैं, अतः घुसपैठियों का देश से निकाले जाने पर किसी भी भारतीय मुस्लिम को कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए।