Home छत्तीसगढ़ धान की कमीशनखोरी बंद करे प्रदेश सरकार: चन्द्राकर

धान की कमीशनखोरी बंद करे प्रदेश सरकार: चन्द्राकर

25
0

रायपुर। भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष पूनम चंद्राकर ने धान खरीदी की सीमा खत्म करने और एक बार में किसानों का पूरा धान खरीदने संबंधी फैसले के त्वरित क्रियान्वयन की मांग को दुहराया है। चंद्राकर ने कहा कि अब भी प्रदेश के अधिकांश धान खरीदी केन्द्रों में धान विक्रेता किसानों को बेहद परेशानी हो रही है। इधर आदेश के अभाव में टोकन काटने में भी समितियां खुद को निरूपाय महसूस कर रही है और किसानों के आक्रोश का सामना करने के लिए विवश हैं। भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्राकर ने कहा कि टोकन कटा चुके किसानों से निर्धारित मात्रा से प्रति कट्टा 1 किलो धान ज्यादा लिया जा रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार धान खरीदी के दौरान एक बोरी (कट्टा) में 40 किलो धान तौला जाना चाहिए। बोरी का वजन 500 ग्राम माना गया है। इस मान से कुल 40.5 किलो धान तौला जाना चाहिए जबकि किसानों से प्रति बोरी 41.5 किलो धान तौला जा रहा है। किसानों से धान की यह अवैध वसूली है और इस पर तत्काल कार्रवाई कर रोक लगाने की मांग की है। चंद्राकर ने बताया कि ज्यादातर केन्द्रों में यह गड़बड़ी चल रही है। प्रदेश सरकार और प्रशासनिक अधिकारी धान खरीदी के संबंध में जो दावे कर रहे हैं उन दावों का जमीनी सच इसके एकदम उलट दिखाई दे रहा है। उन्होंने कहा कि धान उठाव नहीं होने के कारण खरीदी केन्द्रों में किसान टोकन कटने के बाद भी अपना धान स्थानाभाव के कारण बेच नहीं पा रहे हैं और धान खरीदी की रफ्तार धीमी पड़ी हुई है। चंद्राकर ने कहा कि पिछले डेढ़ माह में निर्धारित लक्ष्य का आधा धान भी सरकार खरीद नहीं पाई है और अब एक महीने से भी कम अवधि मेें सरकार लक्ष्य के आधे से अधिक धान की खरीदी कैसे कर पाएगी, यह विचारणीय है क्योंकि धान खरीदी की 15 फरवरी तक की निर्धारित अवधि में 11 दिन छुट्टियों में गुजरने वाले हैं। भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्राकर ने इस बात पर भी क्षोभ व्यक्त किया कि धान बिकने के पंद्रह दिन से एक माह तक की अवधि बीत जाने के बावजूद किसानों को उनके धान का भुगतान प्राप्त नहीं हुआ है। किसानों को छोटी-छोटी तकनीकी वजहें बताकर चक्कर कटवाया जा रहा है। ऐसे किसानों को अफसर आधार नंबर या खाते में त्रुटि बताकर किसानों को भुगतान के लिए परेशान किया जा रहा है।  अब तक ऐसे किसानों का सात करोड़ रूपयों का भुगतान अटका पड़ा है और प्रदेश सरकार किसानों की व्यथा को नजरअंदाज कर संवेदनहीनता का परिचय दे रही है। चंद्राकर ने कहा कि प्रदेश सरकार किसानों का वैसे ही काफी नुकसान कर चुकी है, अब तो वह किसानों को राहत पहुंचाने का काम करे। किसानों को कम अवधि का टोकन दिया जाय और धान खरीदी की निर्धारित सीमा 15 फरवरी से बढ़ाकर 15 मार्च की जाए। चन्द्राकर ने प्रति बोरी 1 किलो धान कमीशन में लेने वालों की पहचान कर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने इसे एक अलग “धान घोटाला” बताया है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here