जोहार छत्तीसगढ़-धरमजयगढ़। स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत सभी के घरों में शासन की ओर से शौचालय निर्माण कराने का आदेश शासन द्वारा दिया गया था। शासन द्वारा हर ग्राम पंचायत को सभी के घर में शौचालय बनाने के लिए राशि भी जारी किया गया। शासन द्वारा जारी किया गया राशि को सरपंच-सचिव अपने संपत्ति समझकर खूब मजे किये जिसका नतीजा है कि आज ग्रामीणों को मिलने वाली शौचालय निर्माण पूरा नहीं हो सका और जिसके यहां सरपंच-सचिव द्वारा शौचालय का निर्माण किया गया है वह शौचालय उपयोग करने लायक नहीं है। आज हम बात कर रहे हैं ग्राम पंचायत पूरूंगा की इस पंचायत में सरपंच-सचिव द्वारा शौचायल तो निर्माण करवाया गया है लेकिन इनके द्वारा बनाये गये शौचालय में कई ऐसे शौचालय हैं जिसमें न तो सीट लगाया गया और जिसमें सीट लगाया गया तो दरवाजा नहीं लगाया है पूरूंगा पंचायत में ऐसे भी कई शौचालय दिखा जिसका छत ही गायाब हो गये हैं। जिस शौचालय में सीट व दरवाजा नहीं लगा होगा उस शौचालय का उपयोग ग्रामीण किस तरह करते होंगे ये सोचाने वाली बात है। ग्रामीणों ने सरपंच-सचिव पर आरोप लगाये हैं कि सरपंच-सचिव किसी का बात नहीं सुनते हैं और सचिव तो कभी ग्राम पंचायत जाते ही नहीं है जिसके कारण आज ग्रामीणों को मूलभूत सुविधा से वंचित होना पड़ गया है। ग्राम पंचायत पूरूंगा में सरपंच-सचिव द्वारा किये गये निर्माण कार्य की अगर सही तरीके से जांच की जाये तो निर्माण कार्य की हकीकत की पोल खुल जायेगा और इनके ऊपर लाखों का रिकवारी निकलेगा लेकिन सबसे बड़ी बात है कि इनका निर्माण कार्य की जांच करेगा कौन?
आचार संहिता का उल्लघंन करते हुए किया बिना स्वीकृति का सीसी रोड निर्माण शुरू
सरपंचा अपनी मनमर्जी करते हुए पूरूंगा में बिना स्वीकृति के सीसी रोड निर्माण कार्य शुरू करवाया गया है जबकि वर्तमान में आचार संहिता लगा हुआ है। आचार संहित में कोई भी नया कार्य चालू नहीं किया जा सकता है लेकिन सरपंच आचार संहिता का खुलकार उल्लंघन करते हुए ठेकाप्रथा से ग्राम पूरूंगा में सीसी रोड का कार्य करवा रहे हैं। शासन का निमय है कि पंचायत के किसी भी काम को ठेकाप्रथा से नहीं करवाया जा सकता है। जनपद पंचायत अधिकारी को चाहिए कि पूरूंगा में बिना स्वीकृति के करवाये जा रहे सीसी रोड निर्माण को रोकते हुए आचार संहिता उल्लघंन करने वाले ग्राम पंचायत सचिव पर कार्यवाही करें।