धरमजयगढ़-जोहार छत्तीसगढ़
रायगढ़ जिले के विकास खण्ड धरमजयगढ़ अंतर्गत सुदूर एवं वनांचल क्षेत्र के भोले – भाले आदिवासियों के बीच इन दिनों खोला छाप डॉक्टर के चपेट में जो व्यक्ति का थोड़ा – मोड़ा सर्दी जुकाम है, उन्हें भी इंजेक्शन तथा बोतल (ड्रीप) लगाकर बीमार लोगों को और बीमार बनाने का धिनौने खेल को अंजाम दिया जा रहा है। वहीं लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। आपको बता दें कि यहां पर गांव में घूम – घूम कर इलाज कर रहे खोला छाप डॉक्टर के नाम से प्रसिद्ध नीम हकीम के पास किसी भी प्रकार का डिग्री या डिप्लोमा नहीं है। इनका काम जो लोग बीमार हैं, उन्हें बिना किसी प्रकार जांचे, परखे या बगैर लैब टेस्ट के यदि बुखार है, तो कुछ भी कुछ इंजेक्शन को दे दनादन उसमें भी नही बना तो तुंरत बॉटल (ड्रीप) लगाकर लोगों के जान से खिलवाड़ किया जा रहा है। ऐसा ही एक मामला सामने आया है, ग्राम पंचायत कदमढोढ़ी गांव में एक वृद्ध महिला सुखी बाई जो सामान्य ज्वर बुखार से पीड़ित थी जिसे ग्राम रतनपुर का एक तेन्दुपत्ता खरिदी में बतौर फड़ मुंशी का काम करने वाला महेश कुमार डनसेना ने इंजेक्शन देकर कई लोगों के जान को जोखिम में डालकर इलाज कर रहा है। जिसे मीडिया के लोगों के द्वारा पूछताछ करने पर उन्होंने ज्यादा सीरियस केश को इलाज नहीं करने कि बात कही। तथा उनके योग्यता को बारे पूछने पर बगले ताकते रहे। आप समझ सकते हैं, किस प्रकार गांव के गरीब व असहाय लोगों के खून ये प्यासे खोला छाप डॉक्टर बनकर लोगों के जान लेने पर अमादा हैं ।