जोहार छत्तीसगढ़-लैलूंगा। लोगों को स्वच्छता के प्रति सजग करने के लिए शासन ने क्या-क्या नहीं कर रहे हैं ताकि अपने घरों व गांव को साफ सुथरा रखे अगर गांव साफ सुथरा रहेगा तो लोग बीमार नहीं पड़ेंगे इसके लिए शासन ने ग्रामीणों को जागरूक करने का काम भी कर रहे हैं। लेकिन सरपंच सचिव इस योजना को अपना जेब भरने की योजना बना लिया है। स्वच्छ भारत मिशन योजना के तहत सभी घरों में शासन की ओर से शौचालय निर्माण पंचायत के माध्यम से करना था। लेकिन सरपंच-सचिव और जनपद पंचायत के अधिकारी कर्मचारियों ने मिलकर ग्रामीणों को मिलने वाली सुविधा पर डाका डाल दिया है। आज हम बात करने जा रहे हैं ग्राम पंचायत घियारमुड़ा पंचायत के आधे से अधिक घरों में शौचालय निर्माण नहीं किया गया है।
भ्रष्टाचार का भेंट चढ़ा शौचालय
ग्रामीणों के घर में बनाये गये शौचालय इतना अधिक घटिया है कि देखते ही समझ में आ जाता है कि कितने में बना होगा यह शौचालय। ग्रामीणों के घर में बनाये गये शौचालय में सेप्टिक टैंक तक नहीं बनाया गया है। घियारमुड़ा की बुंदरो ने हमारे टीम को बताये कि इस शौचालय का गड्ढा मेरा बेटा खुद खोदा है लेकिन इसके बाद भी सरपंच-सचिव बनाकर नहीं दिये हैं शौचालय का दरवाजा थोड़ा सा ही खुलता है सेप्टिक टैंक नहीं होने के कारण हम लोग जंगल की ओर शौच करने जाते हैं। शौच जाते समय जंगली जानवरों का डर लगा रहता है। लेकिन क्या करें जाना तो पड़ेगा ही। यह हाल सिर्फ बुंदरो बाई का ही नहीं है जितने शौचालय सरपंच-सचिव द्वारा बनाये हैं सभी का हाल यही है किसी में दरवाजा नहीं है तो किसी में सेप्टिक टैंक नहीं इस पंचायत में तो ऐसे कई शौचालय दिखे जिसमें छत भी नहीं है। ग्रामीण महिला दिलमोती ने बताई की सरपंच-सचिव को बोल बोलकर थक गई शौचालय के लिए लेकिन आज तक शौचालय बनाकर नहीं दे रहे हंै।
सरपंच प्रेस का नाम सुनते ही घर से भागे
ग्राम पंचायत घियारमुड़ा सरपंच से फोन पर बात करने पर घर में होने की बात बताये जब उनको बताये गये कि हमारी टीम आपके पंचायत में हैं आप से ग्राम पंचायत के विकास कार्य के बारे में बात करना है तो उन्होंने ठीक है घर आईये बोला और जब हमारे टीम ग्राम पंचायत का हाल जानकार उनके पास गये तो पता चला कि सरपंच घर से ही कहीं चले गये थे। सरपंच का इस तरह भाग जाना कई सवाल को खड़ा करता है। ग्रामीणों ने बताये कि सरपंच-सचिव पंचायत में जितने भी निर्माण कार्य करवायें हैं सभी निर्माण कार्य बहुत ही घटिया है। ग्रामीणों ने स्थानीय प्रशासन से मांग किया है कि ग्राम पंचायत के निर्माण कार्य की जांचकर दोषियों पर कार्यवाही करें।