जोहार छत्तीसगढ़-धरमजयगढ़। सक्षम अधिकारियों के बिना अनुमति के राजस्व नक्शा के साथ छेड़छाड़ करने वाले 3 पटवारी के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करने की अनुशंसा तहसीलदार द्वारा किया गया है। तहसीलदार धरमजयगढ़ ने अपने अंतिम जांच प्रतिवेदन में स्पष्ट किया है कि तत्कालीन पटवारी हरिश पैंकरा, जीवन लाल चौधरी व वर्तमान पटवारी शुभम किशोर श्रीवास्तव द्वारा राजस्व नक्शे के साथ छेड़छाड़ किया है। जो कदाचरण की श्रेणी में आता है। ऐसा करना छ.ग. सिविल सेवा आचरण एवं अपील नियम 1966 के तहत कड़ी कार्यवाही किया जाना उचित होगा। पूरा मामला इस प्रकार है पटवारी हरिश पैंकरा तत्कालिन पटवारी एवं अन्य 2 ने वर्ष 13 फरवरी 2014 को भूमि क्रय किया था। हरिश पैंकरा द्वारा क्रय करते समय हरिश पैंकरा की भूमि बीच में था। लेकिन 24 मई 2019 को बेचते समय भूमि सड़क किनारे किसका कर मोटी रकम में बेच दिया जिसकी शिकायत नारायण बाईन एवं ऋषभ तिवारी द्वारा राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल के धरमजयगढ़ दौरे के दौरान किया था राजस्व मंत्री ने तत्काल जांचकर कार्यवाही करने के लिए अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को निर्देशित किया था। एसडीएम धरमजयगढ़ ने तहसीलदार धरमजयगढ़ को जांच कर जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने को कहा तहसीलदार धरमजयगढ़ ने विस्तार से जांचकर तीन पटवारी को दोषी पाते हुए कड़ी कार्यवाही करने की अनुशंसा किया है। लेकिन जांच प्रतिवेदन सौंपे एक माह हो जाने के बाद भी घोटले करने वाले पटवारियों पर किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं करना कई सवाल को खड़ा कर रहा है। वर्तमान पटवारी शुभम किशोर श्रीवास्तव पर भी राजस्व रिकार्ड में छेड़छाड़ करने का आरोप होने के बाद भी इन पर कोई कार्यवाही न करते हुए वर्तमान में छ.ग. शासन द्वारा पट्टा वितरण के लिए किये जा रहे सर्वे का कार्य भी दिया गया है जबकि इनके ऊपर गंभीर आरोप साबित हो रखे हैं। तीनों पटवारियों के खिलाफ शासकीय रिकार्ड के छेड़छाड़ करने के आरोप में धारा 420, 465, 468, 471, 474, 477 (क), 120 बी आईपीसी के तहत मामला दर्ज करवाना पुलिस को देना चाहिए था लेकिन ऐसा न करते हुए इन्हीं पटवारियों को अहम कार्य सौंपा जा रहा है।
राजस्व मंत्री से करेंगे फिर से शिकायत
राजस्व मंत्री जय सिंह अग्रवाल से घोटाले करने वाले पटवारियों पर आरोप साबित होने के बाद भी कार्यवाही नहीं होने की शिकायत करेंगे। क्योंकि राजस्व मंत्री ने 3 दिवस के भीतर कार्यवाही करने की निर्देश देकर गये थे। लेकिन 4 माह गुजर जाने के बाद भी पटवारियों पर कोई कार्यवाही नहीं किया जा रहा है। जबकि 4 अक्टूबर को तहसीलदार धरमजयगढ़ ने अनुविभागीय अधिकारी को कड़ी कार्यवाही करने की अनुशांसा करते हुए अपना प्रतिवेदन दे चुके हैं।