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कोरबा के आदिवासी विकास विभाग के निलंबित सहायक आयुक्त श्रीकांत दुबे व ठेका कंपनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज

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प्रीतम जायसवाल कोरबा। राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) ने कोरबा के आदिवासी विकास विभाग के निलंबित सहायक आयुक्त श्रीकांत दुबे व ठेका कंपनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर लिया है। दुबे पर जिला खनिज न्यास (डीएमएफ) की करीब 63 करोड़ की राशि में गड़बड़ी का आरोप है। ईओडब्ल्यू ने करीब 10 महीने पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर दुबे के खिलाफ जांदर्री के स्याहीमु?ी स्थित एजुकेशन हब में 4965.10 लाख रुपये लागत की इस योजना में राज्य सरकार की अनुमति के बिना ही टेंडर जारी कर दिया, वह भी मैनुअल, जबकि ई-टेंडर होना था। तकनीकी स्वीकृति 4574.53 लाख की थी, लेकिन टेंडर 4965.10 लाख का जारी किया गया। इस योजना के लगभग सभी कामों और खरीद में ग?ब?ी हुई। छात्रावास व आश्रम में बिना तकनीकी मंजूरी के ही 222.04 लाख रुपये के काम कराए गए। वहीं, आधा दर्जन काम बिना टेंडर के ही करा लिए गए। लाइवलीहुड कॉलेज में तकनीकी स्वीकृति की राशि 188.55 लाख के स्थान पर 197.56 लाख का टेंडर जारी किया गया। बिना टेंडर के ही 5.45 लाख रुपये के काम कराए गए। बाहरी विकास और वास्तुविद को बिना टेंडर की भुगतान किया गया। फ्लैक्स प्रिंटिंग में बिना किसी टेंडर के लिए नौ लाख रुपये का काम कराया गया। गणवेश व अन्य सामग्री के टेंडर में एल-2 को मनमाने ढंग से काम दिया गया। स्मार्ट क्लास में पांच लाख के आवंटन के विरुद्ध 9.15 लाख का काम कराया गया। गीजर खरीदी में खुली निविदा के स्थान पर कोटेशन के माध्यम से खरीद। सीसीटीवी में बिना गुणवत्ता और भौतिक सत्यापन के खरीदी की गई। जिला पंचायत उपाध्यक्ष अजय जायसवाल समेत कई संगठनों ने इस मामले में दिसंबर में ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से शिकायत की थी। पत्र मुख्यमंत्री ने ईओडब्ल्यू को जांच के लिए भेज दिया था। इस मामले में कोरबा के सहायक आयुक्त बीआर बंजारे पहले ही जांच कर चुके हैं। बंजार ने भी दुबे को दोषी बताया था। अकेले एजुकेशन हब के निर्माण में ही 313.88 लाख की शासन को क्षति होना बताया गया है। जांच अधिकारी पूर्व सहायक आयुक्त बीआर बंजारे ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि श्रीकांत दुबे ने अपने पद का दुरूपयोग तो किया ही, उनके करीबी रहे आदिवासी विकास विभाग कोरबा के लिपिक अरुण दुबे, लेखापाल सुखदेव आदित्य यहां तक की भृत्य मनोज तंबोली की भी संलिप्तता है। रिपोर्ट में इन सभी कर्मचारियों के पास भी करोड़ों की संपत्ति होने का अनुमान जताया गया था। माना जा रहा है कि इन कर्मचारियों पर भी शिकंजा कसेगा।

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