जोहार छत्तीसगढ़ -धरमजयगढ़
आदिवासी बहुल्य विकास खण्ड धरमजयगढ़ में संचालित हो रहे आंगनबाड़ी में बच्चों को सही ढंग से पोषण आहार नहीं मिल पा रहा है। यह आलम पूरे विकासखण्ड में देखने को मिल रहा है। आंगनबाडिय़ों का निरीक्षण करने का जिम्मा सुपरवाईजर का होता है लेकिन कोई भी सुपरवाईजर आंगनबाड़ी का निरीक्षण करने आंगनबाड़ी नहीं जाते हैं ये लोग घर में ही बैठकर आंगनबाडिय़ों का निरीक्षण कर देते हैं। इसी का नतीजा है कि आज बच्चों को मिलने वाली पोषण आहार बच्चों को नहीं मिल रहा है।
शिकायत करने पर परियोजना अधिकारी नहीं करते कार्यवाही
किसी आंगनबाड़ी की अगर शिकायत महिला बाल विकास परियोजना अधिकारी से किया जाता है तो परियोजना अधिकारी कार्यवाही नहीं करते हैं सिर्फ कार्यवाही करने की बात करते हैं। अगर परियोजना अधिकारी बच्चों के साथ लापरवाही करने वाली आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं पर कार्यवाही करते तो आज बच्चों को पोषण आहार सही तरीके से मिलता। शासन द्वारा 0 से 5 वर्ष के बच्चों को आंगनबाड़ी में इसलिए पोषण आहार दिया जाता है कि बच्चे कुपोषित न हो लेकिन परियोजना अधिकारी की लपरवाही से आज छोटे-छोटे बच्चों को मिलने वाली पोषण आहार पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता डाका डाल रहे हैं।
सही समय पर नहीं खुलता आंगनबाड़ी
शासन द्वारा आंगनबाड़ी को खोलने का समय 9.30 बजे निर्धारित किया है लेकिन पूरे विकास खण्ड में शायद ही कोई आंगनबाड़ी होगा जो सही समय पर खुलता होगा। सबसे मजेदार बात है कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं महिला बाल विकास अधिकारी का थोड़ा से भी भय नहीं है जिसके कारण आंगनबाड़ी कार्यकर्ता आंगनबाड़ी केन्द्र को सही समय में नहीं खोलते हैं। विकासखण्ड में कई ऐसे आंगनबाड़ी है जो कई-कई दिनों तक नहीं खुलता है लेकिन परियोजना अधिकारी को इससे कोई लेना देना नहीं है इनको तो सिर्फ ऑफिस में बैठकर फाइल में ही सब कुछ संचालित होना दिखाना है।
ग्रामीण करेंगे महिला बाल विकास परियोजना अधिकारी की शिकायत कलेक्टर से
आंगनबाडिय़ों में सही ढंग से पोषण आहार नहीं मिलना, सही समय में आंगनबाड़ी नहीं खुलने कि शिकायत महिला बाल विकास परियोजना अधिकारी से करने के बाद भी अधिकारी द्वारा कोई कार्यवाही नहीं करने के कारण नाराज ग्रामीणों ने कलेक्टर से महिला बाल विकास परियोजना अधिकारी धरमजयगढ़ की शिकायत करने की बात कर रहे हैं।