उमा यादव धरमजयगढ़।
धरमजयगढ़ विकासखण्ड के ग्राम पंचायत मिरीगुड़ा के पूर्व माध्यमिक शाला शिक्षक विहिन शाला हो गया है इस स्कूल में 105 बच्चे पढ़ाई करते हैं और दो शिक्षक है लेकिन एक शिक्षक कई महिनों से बिना सूचना के लापता है जिसके कारण स्कूली बच्चों का पढ़ाई के लिए भारी परेशानी हो रहे हैं। एक शिक्षक होने के कारण स्कूली बच्चे लूडों और केरम खेलकर समय बिताते हैं। हमारे टीम जब पूर्व माध्यमिक शाला मिरीगुड़ा में चल रहे पढ़ाई के बारे में जानने के लिए पहुंचे तो स्कूल में एक मैडम और प्रधान पाठक मिले और सरे बच्चे लूडों खेल रहे थे। प्रधानपाठक सरदार से पूछने पर बताया किया इस स्कूल में दो शिक्षक पदस्थ हैं लेकिन एक शिक्षक अनुप तिग्गा कई महिनों से बिना छुट्टी लिए ही स्कूल नहीं आ रहे हैं एक ही शिक्षक होने के कारण बच्चों को पढ़ाने में परेशानी हो रहा है लेकिन क्या करें? वर्तमान में एक शिक्षिक को प्राथमिक शाला मिरीगुड़ा से व्यवस्था में दिया गया है जिसके भरोसे में स्कूल चल रहा है। क्योंकि ऑफिस का काम भी करना पड़ता है। प्रधान पाठक ने प्रेस को बताया कि अगर ऑफिस काम करने के लिए कोई होता तो भी बच्चों के पढ़ाई में कोई परेशानी नहीं होता लेकिन यहां तो ऑफिस काम भी खुद को करना पड़ता है। बच्चों से पूछने पर बच्चों ने बताया कि अभी स्कूल में एक सर और एक मैडम है जो हर दिन स्कूल आते हैं और ठीक से पढ़ाते हैं।
इतने अधिक बच्चे कैसा होता होगा पढ़ाई
पूर्व माध्यमिक शाला मिरीगुड़ा में 105 बच्चे होने के बाद भी शिक्षा विभाग इस स्कूल में शिक्षक की व्यवस्था नहीं करने से बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है। स्कूल में शिक्षक की कमी उस समय देखने को मिला जब सभी स्कूली बच्चे पढ़ाई छोड़ लूडों और केरम खेल रहे थे। अगर इस स्कूल में शिक्षक पदस्थ होते तो बच्चे लूडों में नहीं अपने किताब में ध्यान देते पर बच्चे और शिक्षक क्या करें?
क्या कहते हैं प्रधान पाठक
स्कूली बच्चों द्वारा स्कूल में लूडों खेलते देखाकर हमारे टीम ने प्रधान पाठक से पूछा क्या स्कूल में शिक्षक की कमी के कारण बच्चे लूडों खेल रहे है? प्रधान पाठक ने बताया कि ऐसा नहीं है कि स्कूल में शिक्षक की कमी होने के कारण पढ़ाई नहीं होता है अभी खेलने का समय है इसलिए बच्चे लूडों खेल रहे है। प्रधान पाठक ने बताया कि शिक्षक की कमी होने के बाद भी पढ़ाई में कोई कमी नहीं है वर्तमान में विभाग द्वारा प्राथमिक शाला से एक शिक्षिका को व्यवस्था में दिया गया।