संजय सारथी, तमनार-जोहर छत्तीसगढ़। स्वच्छ भारत अभियान भारत सरकार द्वारा आरंभ 1 अप्रैल 1999 को आरंभ किया गया जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महात्मा गांधी के जन्म की 150वीं वर्षगांठ पर 02 अक्टूबर 2014 को पुर्नगठन कर आरंभ किया। यह एक राष्ट्रीय स्तर का अभियान है जिसका उद्देश्य गलियों, सड़कों व कूड़े को साफ रखना व सामुदायिक शौचलयों के निर्माण के माध्यम से खुले में शौच की समस्या को समाप्त करना है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने देश को गुलामी से मुक्त कराया परन्तु स्वच्छ भारत का उनका सपना पूरा नहीं हुआ। महात्मां गांधी के अपने आसपास के लोगों को स्वच्छता बनाए रखने संबंधी शिक्षा प्रदान कर राष्ट्र को एक उत्कृष्ट संदेश किया था। हितग्रहियों की जानकारी ने खोली सचिव की पोल। कम से कम गरीब हितग्राहियों का हक तो ना छीना जाये। ग्राम देवगांव के हितग्राहियों ने उनके साथ की जा रही धांधली का खुलासा किया है। हितग्राहियों ने सचिव पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनका शौचालय तो पास हुआ और वह बना भी परंतु 12000 की राशि में से उनको एक रुपया भी प्राप्त नहीं हुआ जबकि सचिव द्वारा सभी हितग्राहियों से उनका खाता नंबर लेकर उसमें 12000 की राशि डालने की बात की गई। हितग्राहियों द्वारा शौचालय की राशि की बात की गई तो सचिव द्वारा उन्हें एक साल से लगातार घुमाया जा रहा है पर आज तक उनके खाते में राशि नही भेजी गई। जब इस मामले की जानकारी के लिए सचिव को फ ोन किया गया तो उन्होंने घूमा-फि राकर जनपद पंचायत में मीटिंग में हूँ कहकर बात को टाल दिया गया परन्तु जब हम जनपद पंचायत पहुंचे तो सचिव अपनी पोल खुलने के डर से अपना फ ोन ऑफ करके वह से फ रार हो गए।
क्या कहना है तमनार जनपद पंचायत के मुख्यकार्यपालन अधिकारी का जनपद पंचायत मुख्यकार्यपालन अधिकारी वी.के. साहू से ग्राम देवगांव के शौचालयों की बात की गई तो उन्होंने कहा कि 290 परिवारों में 181 हितग्राहियों को शौचायल 12000 रुपये प्रति हितग्राही प्रोत्साहन राशि के हिसाब से कुल 270000 की राशि देवगांव के सचिव को शासन से प्राप्त हुई है। शौचालय निर्माण के लिए ग्राम-पंचायतो में हितग्राहियों को 6000 रुपये की राशि दी गयी है। शौचालय निर्माण का 12000 में पूर्ण होने का कोई मापदंड नहीं था बस सीट, दरवाजा, चैम्बर व चार दिवारी बनाना हमारी प्राथमिकता थी। इन्होंने आश्वासन देते हुए कहा कि पंचायतो को शौचालय बनवाने के लिए पूरी राशि का भुगतान नहीं किया गया है बाकी की राशि को सम्हालकर रखा गया है व पंचायतों को निर्देश दे दिया गया है कि 30 सितंबर तक सभी पंचायतो में शौचालयों का कार्य पूर्ण हो जाएगा। यह जानकारी उनके द्वारा दी गयी।
क्या है वास्तविक सच्चाई
उनके यह दावे सिर्फ खोखले ही नजर आते हैं क्योंकि यह योजनाएं सिर्फ सरकारी पन्नों में ही अपना दम तोड़ रही है। राज्य के लगभग हर गांव मे शौचालयों की समस्या से ग्रामीण परेशान हंै हमारी मां बहने आज भी रात के अंधेरे में शौच करने को मजबूर हंै। अंधेरे में जहरीले जीव जंतुओ से होने वाली समस्या का डर भी लगातार बना रहता है। सरपंच-सचिव द्वारा गरीब हितग्राही को राशनकार्ड काट देने की बात कहकर शौचालय निर्माण करवाया गया। हितग्राहियों ने सेठ बनिया से उधारी लेकर राशनकार्ड ना कटने के डर से मजबूरन शौचालय का निर्माण करवाया। हितग्राहियों को शासन से मिलने वाली राशि आजतक प्राप्त नहीं हुई।