उमा यादव धरमजयगढ़। ग्राम पंचायत को नगर पंचायत के तर्ज पर विकसित करने के उद्देश्य से धरमजयगढ़ विकास खण्ड के 5 ग्राम पंचायत को शासन से लाखों रूपये दिया गया है। लेकिन शासन से मिले लाखों रूपये को किस तरह से सरपंच-सचिव खर्च कर रहे हैं इसकी देखरेख सही नहीं हो रहा है जिसके कारण श्यामा प्रसाद मुखर्जी रूर्बन योजना धरमजयगढ़ में दमतोड़ती नजर आ रहे हैं । ग्राम पंचायत लाखों रूपये खर्च करने के बाद भी एक भी कार्य को पूर्ण नहीं कर रहे हैं। ग्राम पंचायत के निर्माण कार्य इंजीनियर के देखरेख में होना होता हैं लेकिन धरमजयगढ़ के इंजीनियर निर्माण कार्य को देखने तक नहीं जाते हैं। आज हम बात कर रहे हैं ग्राम पंचायत मिरीगुड़ा के सरपंच-सचिव ने कागजों में ही ओडीएफ घोषित कर दिया है। शौचालय इतना घटिया निर्माण करवाया गया है कि ग्रामीण शौच के लिए खेत जाते हैं शौचालय में नहीं इसके बात भी ओडीएफ की हकीकत को जानने के लिए आज तक कोई अधिकारी-कर्मचारी नहीं गये हैं।
शत् -शौचालय नहीं बना फिर कैसे बन गया ओडीएफ ग्राम पंचायत?
मिरीगुड़ा पंचायत में अभी तक पूरा परिवार का शौचालय निर्माण नहीं हुआ है इसके बाद भी ग्राम पंचायत को ओडीएफ घोषित कर दिया गया है। ग्रामीणों ने हमारे टीम को बताये कि पूराने शौचालय को सुधार कर सरपंच-सचिव ने राशि निकाल लिए हैं पुराना शौचालय का सिर्फ छत का एडवेस्टर को बदला है शौचालय बहुत पूराना होने के कारण शौच करने नहीं बनता है शौच के लिए जंगल जाते हैं। ग्रामीणों, महिला सकुन ने बताये कि उनके घर में शौचालय नहीं है जिसके कारण शौच के लिए भारी परेशानी हो रहे हैं। ग्रामीण सकुन ने जब सरपंच-सचिव से शौचालय बनाने की मांग की तो सचिव ने बोला कि एक बोरी सीमेंट ले जाओ अपना शौचालय बना लो, शासन द्वारा 12 हजार रूपये में शौचालय निर्माण होना है लेकिन सरपंच-सचिव सिर्फ एक बोरी सीमेंट देकर ही शौचालय निर्माण करवाना चाहते हैं।
नाली का गंदा पानी डालेंगे खेत में
श्यामा प्रसाद रूर्बन योजना के तहत मिरीगुड़ा पंचायत में कई कार्य करवाया जा रहा है इसी योजना के तहत मिरीगुड़ा में दो नाली का निर्माण करवाया जा रहा है। ग्रामीणों के घर के गंदा पानी को नाली के माध्यम से खेत में डाला जायेगा। जब खेत में गंदा पानी जायेगा तो खेत मालिक को कितना परेशानी होगा इससे इंजीनियर को कोई मतलब नहीं है।
अधूरे कार्य को रिकार्ड में दिखा दिया पूर्ण
रूर्बन योजना के तहत ग्राम पंचायत मिरीगुड़ा के पूर्व माध्यमिक शाला में एक पानी टंकी, एक शौचालय एवं मंच का निर्माण करवाया गया ठीक इसी कम्पाउण्ड के अंदर प्राथमिक शाला भी है प्राथमिक शाला में भी रूर्बन योजना के तहत एक शौचालय बनाया गया है। सभी कार्य अधूरा है लेकिन जनता पंचायत के रिकार्ड में पूर्ण बताया जा रहा है। मौका पर जाकर देखने पर पता चला कि दोनों स्कूल में बने शौचालय में न तो रंग रोंगन हुआ है और न तो पानी का कोई व्यवस्था है यहां तक की शौचालय में नल तक नहीं लगा है और ना तो शौचालय के लिए पानी टंकी लगाया गया है। पंचायत द्वारा बनवाया गया पानी टंकी भी अधूरा है पानी टंकी का भी रंग रोंगन नहीं हुआ है और न तो पानी सप्लाई के लिए नल लगाया गया है जब पानी टंकी में नल ही नहीं लगेगा तो फिर पानी टंकी का मतलब ही क्या? टंकी में पानी कैसे भरेंगे इसका भी कोई व्यवस्था नहीं किया गया है। वहीं पूर्व माध्यमिक शाला में एक मंच का निर्माण करवाया गया है जो पहले से ही चबूतरा बना हुआ था उसी चबूतरा को ही मंच बना दिया गया है यह भी अधूरा है। क्या इस तरह के भ्रष्टाचार की जांच होगा? क्या दोषियों पर कार्यवाही होगा यह तो आने वाले समय में ही पता चलेगा।