उमा यादव धरमजयगढ़। धरमजयगढ़ मुख्यलय के चारों ओर की सड़कों का हाल देखने से ऐसा लगता है आज के दिन में भी हम कौन सा युग में जी रहे हैं। घर से निकलते ही भगवान को याद करना पड़ता है, हे भगवान कोई दुघर्टना न हो जाये सही सलामत घर आ जाऊं ये हाल है धरमजयगढ़ विधानसभा की सड़कों का, प्रदेश में जब भाजपा की सरकार थी तब सड़क, पानी, बिजली को लेकर ज्ञापन आंदोलन करने वाले छात्रा संघ के नेता कौन सी बिल में छुप गये पता नहीं चल रहा है, सड़कों का हाल अब तो पहले से भी अधिक खराब है। लेकिन इन हड़ताली संगठनों को कुछ भी नहीं दिख रहा है। पिछले कार्यकाल में विधायक राठिया ने ऐडू से हाटी तक सड़क को सुधारने के लिए कई बार चक्का जाम आंदोलन किया था लेकिन जैसे ही सत्ता परिवर्तन हो गया वैसे ही विधायक लालजीत को सड़क पर बने तालाबनुमा गड्ढे दिखना बंद हो गया अगर विधायक लालजीत को सड़क की जर्जर हालात दिखता तो विधायक महोदय सड़क को लेकर अधिकारियों का क्लास जरूर लेता। लेकिन सत्ता के परिवर्तन होते ही विधायक जी कौन सा चश्मा लगा लिए कि उनको सड़क में बने इतने बड़े-बड़े गड्ढे दिखना बंद हो गया है।
ब्लॉक अध्यक्ष के दुकान से सामने से चलना होता है मुश्किल
धरमजयगढ़ से पत्थलगांव जाने वाली सड़क का हाल तो इतना खराब हो गये हैं कि इसमें चलना यानि जान जोखिम में डालना हो गया? यहां यह बतान लाजमी होगा कि कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष के दुकान के सामन से चलने के लिए लोगों को एक बार सोचना पड़ता है कि कैसे करें जाये या न जाये इतना खराब है इनके दुकान के सामने की सड़क लेकिन क्या ब्लॉक अध्यक्ष महोदय सड़क को लेकर किसी अधिकारी या फिर पार्टी फोरम में बात रखे हैं? अगर रखे हैं तो अधिकारी-कर्मचारी इनके बात को अनसूना क्यों कर रहे हैं। सत्ता पक्ष के ब्लॉक अध्यक्ष होने के बाद भी सड़क का ये हाल सोचने वाली बात है।
क्यों हल्ला नहीं बोल रहे सड़क को लेकर विपक्ष
15 साल तक सत्ता सुख लेने के कारण धरमजयगढ़ के भाजपाई विपक्ष क्या होता है यह भूल गये हैं। विपक्ष के नेताओं को भी अब क्षेत्र के जनता को होने वाली परेशानी नहीं दिख रहे हंै क्योंकि 15 साल तक मौज जो किये हैं। सत्ता में रहते मुलभुत सुविधाओं को लेकर हल्ला नहीं बोले,लेकिन अब तो विपक्ष हैं, इनको सड़क की जर्जर हालत दिखाई देना चाहिए लेकिन विपक्ष के नेताओं को सड़क का हालात नहीं दिखना क्षेत्रवासियों को समझ में नहीं आ रहा है। प्रदेश में सत्ता परिवर्तन हुए लगभग साल भर होने को है लेकिन विपक्षी पार्टी के कार्यकर्ता ने आज तक क्षेत्र के जनता को मुलभुत सुविधाओं के लिए हो रहे परेशान को केसे दूर किया जाये इसके आंदोलन नहीं करना, सड़क की हालात पर मौन रहना कहां तक सही है। अगर विपक्ष अपनी भूमिका सही तरीके से निभाते तो विधानसभा की सड़कों का हाल ऐसा न होता।
क्षेत्रवासियों को आंदोलन की राह पर आने होंगे सड़क को लेकर
चारों ओर की सड़क की हालत देखकर लोगों को शर्म आने लगा है यह बोलने के लिए कि धरमजयगढ़ के रहने वाले हैं इतना बूरा हाल है सड़कों का पर क्या करें जनता तो मजबूर है यह सब सहने के लिए। जिस तरह से पत्थलगांव के जनता ने एक संगठन बनाकर एनएच 43 के लिए आंदोलन कर रहे हैं ठीक उसी तरह एक सर्वदलीय मंच बनाकर धरमजयगढ़ वासियों को भी सड़क के लिए आंदोलन करने की जरूरत है। ताकि स्थानीय प्रशासन गहरी नींद से जागे। और सड़क को चलने योग बना दे।