अशोक भगत लैलूंगा।
रायगढ़ जिले के आदिवासी बाहुल्य विकासखण्ड लैलूंगा में भ्रष्टाचार का बोलबाला चलता है। ग्रामीण क्षेत्रों का विकास का जिम्मा ग्राम पंचायत के सरपंच-सचिव के पास होते हैं लेकिन ग्राम पंचायत के सचिव-सरपंच इसको अपनी जागीर समझकर अपने निजी कार्य में खर्च करने में लग जाते हैं। सरपंच-सचिव को मालूम है कि इनका कोई कुछ भी नहीं उखाड़ सकते हैं । जनपद पंचायत में कमीशन का खेल जो चलता है। अगर सही तरीके से ग्राम पंचायत के निर्माण कार्य की जांच की जाये तो आधे से अधिक सरपंच सचिव सलाखों के पीछे होंगे, अब सबसे बड़ा सवाल उठता है कि इनका जांच करेगा कौन? आज हम बात कर रहे हैं लैलूंगा विकासखण्ड के ग्राम पंचायत हीरापुर का विडंबना है कि इस पंचायत के सरपंच को पंचायत के बारे में कुछ भी नहीं मालूम सरपंच ने साफ शब्दों में हमारे टीम को बोल दिये कि पंचायत में क्या-क्या काम हुआ या हो रहा है इसकी मुझे कोई जानकारी नहीं है इसके बारे में अगर पंचायत के बारे में कुछ भी जानकारी जानना है तो आपको मेरे पति से बात करना होगा मेरे पति ही बाता पायेंगे। अब आप सोच सकते हैं कि इससे और क्या विडंबना हो सकता है ग्रामीणों को।
मूलभूत सुविधा पर सरपंच-सचिव का डाका
शासन द्वारा ग्रामीणों को देने वाली सुविधा की राशि को किस तरह से बंदरबांट करते हैं इसका पता करना हो तो आप एक बार ग्राम पंचायत हीरापुर जाकर देखे हिरापुर पंचायत जाते ही आपको पूरी कहानी पता चल जायेगा। भारत सरकार द्वारा चलाया जा रहा स्वच्छ भारत मिशन के तहत इस पंचायत को भी सरकार लाखों रूपये दिये हैं हर घर में शौचालय निर्माण करने के लिए लेकिन सरपंच-सचिव ने इसको अपनी जागीर समझकर शौचालय निर्माण को ही भ्रष्टाचार का भेंट चढ़ा दिया है। सरपंच सचिव द्वारा बनाये गये शौचालय इतना घटिया है कि आप देखकर ही अंदाजा लगा सकते हैं कि सरपंच सचिव ने कितना बड़ा घोटाला किया है शौचालय निर्माण में। ग्रामीणों के घर में पंचायत द्वारा बनाये गये शौचालय का दरवाजा खोलते ही दरवाजा गिरने लग जाता है। ग्रामीणों ने बताया कि शौचालय निर्माण की राशि सरपंच सचिव के जेब में भर लिए हैं। जिसका नतीजा है कि ग्रामीणों को आज भी खुले में शौच करने के लिए जाना पड़ रहा है। ग्रामीणों को पीने के लिए स्वच्छ पानी मिले इसके लिए शासन ने मुहल्ले में पाईप लाईन की व्यवस्था किया है लेकिन पाईप लाईन से ग्रामीणों को पानी नहीं मिलता है सिर्फ दिखावे के लिए मुहल्ले में नल लगा दिया गया है। मुहल्लेवासियों ने बताये कि हम लोग हैण्डपंप के भरोसे में रहते हैं हैण्डपंप भी कई-कई महिनों तक खराब रहता है जब हैण्डपंप खराब होता है तब पानी के लिए भारी परेशानी होता है।
100 प्रतिशत दिव्यांग होने के बाद भी सुध लेने वाला कोई नहीं
सरपंच सचिव के लापरवाही का खामियाजा उन दिव्यांगों को भुगतना पड़ रहा है जो कुछ बोल नहीं सकते हैं। हीरापुर पंचायत में लगभग 20-25 गूंगे बहरे निवास करते हैं और इनके पास डॉक्टर द्वारा दिव्यांग प्रमाण पत्र होने के बाद भी शासन की योजनाओं का कोई लाभ स्थानीय प्रशासन व जनप्रतिनिधियों ने नहीं दे रहे हैं। 100 प्रतिशत दिव्यांग होने के बाद भी न तो इनको दिव्यांग पेंशन दिया जा रहा है और न तो राशन मिल रहा है राशन नहीं मिलने से दिव्यांगों को कई-कई दिन तक भूखे सोना पड़ता है। इतने अधिक गूंगे बहरे होने के बाद भी जिला प्रशासन ने आज तक इस मुहल्ले का निरीक्षण करने तक नहीं आये कि क्या कारण है कि शिकारी मुहल्ले के बच्चे गूंगे क्यों होते हैं। शासन-प्रशासन को चाहिए कि इन दिव्यांगों को शासन से मिलने वाली सारी सुविधा उपलब्ध करवायें ताकि इनको भूखे पेट सोना न पड़े।
अधिकारी जबरन कर दिया ओडीएफ घोषित-सरपंच पति
सरपंच पति ने अधिकारियों पर एक गंभीर आरोप लगाते हुए हमारे टीम को बताये कि हीरापुर पंचायत में पूरा शौचालय निर्माण नहीं होने के बाद भी पंचायत को ओडीएफ घोषित कर दिया गया है। जब हमारे द्वारा विरोध किया गया तो रायगढ़ और लैलूंगा से आये अधिकारियों ने धमकाते हुए पूरा शौचालय निर्माण हो गया लिखवा लिया है। कितना विडंबना कि बात है कि अधिकारी कर्मचारी भ्रष्टाचार को किस कदर बढ़ावा दे रहे हैं। अधिकारियों की लपरवाही से आज हीरापुर पंचायत के ग्रामीणों को मूलभूत सुविधा नहीं मिल रहा है।
- मुझे आपके माध्यम से पता चला है कि हीरापुर पंचायत में सरपंच-सचिव और अधिकारियों द्वारा शौचालय निर्माण में भारी भ्रष्टाचार किया गया है अगर सरपंच पति आरोप लगा रहे हैं कि अधिकरी धमकाकर 100 प्रतिशत शौचालय निर्माण होना लिखवाया यहा गंभीर आरोप है मैं कल ही अधिकारियों से मिलकर पत्र लिखूंगा कि शिकायत की जांच कर दोषियों पर कार्यवाही करें। शिकारी मुहल्ले में इतने अधिक मात्रा में गूंगे हैं इसकी जानकारी भी मुझे आपके माध्यम से मिला है मैं आज रायगढ़ में हूं लैलूंगा पहुंचकर स्वयं शिकारी मुहल्ले जाकर देखता हूं और पंचायत इंस्पेक्टर को पत्र लिखकर पता करूंगा कि दिव्यांगों को शासन से मिलने वाली सुवधिा क्यों नहीं दी जा रही है। जनपद पंचायत में बैठकर कर प्रस्ताव पास किया जायेगा और इन दिव्यांगों को शासन से मिलने वाली सारी सुविधा उपलबध करवाया जायेगा।
ठंडाराम बेहरा जनपद सदस्य एवं ब्लॉक कांगे्रस अध्यक्ष लैलूंगा