जोहार छत्तीसगढ़-धरमजयगढ़।
कोई भूखे पेट न रहे इसके लिए सरकार सस्ता राशन उपलब्ध करवा रही है, लेकिन सरकार की योजना को भ्रष्टाचार की योजना बनाते हुए खुलकर भ्रष्टाचार कर रहे हैं, और विभागीय अधिकारी भ्रष्टाचार करने वालों पर किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं करते हैं, जिसके कारण राशन घोटाला खुुलकर किया जा रहा है। ग्रामीण ट्रैक्टर भर-भर कर राशन नहीं मिलने की शिकायत करने ब्लॉक मुख्यालय आते हैं लेकिन आज तक किसी को ये पता नहीं चला कि शिकायत पर क्या कार्यवाही हुआ है। राशन दुकानदारों का मनमानी चलता ही रहता है। हर दिन समाचार पत्रों का सुर्खिया बनता रहता है, कि अंगुठा लगवा लेने के बाद भी ग्रामीणों को राशन नहीं दिया जा रहा है, या राशन कम दिया जा रहा है, धरमजयगढ़ विकास खण्ड में ऐसे कई दुकान मिलेंगे जिसमें दुकानदार द्वारा कई-कई महिने का राशन वितरण नहीं किया है। आज हम एक ऐसे राशन दुकान की बात करने जा रहे हैं जिसमें सितंबर माह का अंगुठा तो दुकानदार हितग्राहियों से लगवा लिया है पर चावाल आज तक नहीं दिया है। मामला पाराघाटी पंचायत का है पाराघाटी राशन दुकानदार हिग्राहियों से सितंबर माह का अंगुठा लगवा लिया है कि बाद में चावाल मिलेगा लेकिन सितंबर तो क्या नवंबर माह भी खत्म होने को है पर राशन बिक्रेता अभी तक पाराघाटी के लोगों को उनका हक का राशन नहीं दिया है। तो वहीं खाद्य अधिकारी से इस संबंध में बात करने पर सिर्फ रटे रटाया जवाब देते हैं कि हां मैं पता करता हूं, राशन वितरण हुआ है कि नहीं। पाराघाटी में सितंबर माह का राशन नहीं वितरण करने के संबंध में खाद्य अधिकारी कापू सुधा चौहान से बात करने पर बताये कि मैं पता करती हूं राशन क्यों वितरण नहीं हुआ है। अब सवाल उठता है कि विभागीय अधिकारी पता करने के बाद क्या कार्यवाही विभाग द्वारा किया जाता है ये किसी को पता नहीं चलता है। अब देखना होगा कि इस मामले में भी सिर्फ जांच के नाम पर खानापूर्ति करते हैं या फिर गरीबों को उसका हक मिले इसके लिए कुछ करते हैं ये तो समय ही बतायेगा।