अशोक भगत लैलूंगा। रायगढ़ जिले के विकासखण्ड लैलूंगा के ग्राम पंचायतों में पदस्थ सरपंच-सचिवों ने न जाने क्या-क्या घोटाला कर रखे हैं। बांसडांड ग्राम पंचायत के आश्रित मोहल्ला नावापारा में पानी की भारी समस्या देखने को मिल रहा है यहां के ग्रामीणों को पानी के लिए दो-चार होना पड़ रहा है। मुहल्ले के महिलाओं ने प्रेस को बताया कि पूरे मुहल्ले के लिए एक मात्र स्कूल का हैण्ड पंप ही साधान है। पानी के लिए हर रोज लड़ाई झगड़ा होता रहता है क्योंकि पूरे मुहल्ले के महिलाएं एक साथ पानी लेने के लिए पहुंचते हैं। एक ही हैण्ड पंप है इसके आलावा और कोई साधन इस मुहल्ले में नहीं है। 2-3 साल पहले विधायक सुनीति राठिया ने पानी की समस्या को देखकर नावापारा में एक पानी टंकी निर्माण करवाने कि लिए राशि दी थी। लेकिन यहां पानी टंकी भी भ्रष्टाचार का भेंट चढ़ गया है। विधायक सुनीति राठिया ने अपने मद से एक लाख रूपये ग्राम पंचायत बांसडांड को नावापारा में पानी टंकी निर्माण करने के लिए दिए थे। ग्राम पंचायत बांसडांड सरपंच-सचिव ने 2016-17 में पानी टंकी निर्माण नावापारा मुहल्ले में किया है लेकिन सरपंच सचिव ने सिर्फ पानी टंकी का ही निर्माण किया टंकी में पानी कहां से भरेगा इसकी कोई व्यवस्था नहीं किया है, जिसके कारण पानी टंकी निर्माण होने के 2 साल बाद भी मोहल्ले वासियों को पानी के लिए दो-चार होना पड़ रहा है।
फिर जीताओगे तो पानी मिलेगा
ग्रामीणों ने बाताया की पानी की समस्या को बोलने पर यही जवाब देते हैं कि इस बार तो पानी नहीं मिला फिर से चुवान जीताओं तो पानी मिलेगा, ये तो हैं हमारे जनप्रतिनिधि, ग्रामीणों को तो ऐसे जनप्रतिनिधियों को … से मारना चाहिए ताकि ऐसा बोलने का हिम्मत न कर सके दुबारा।
आवास से लेकर शौचालय में हुआ जमकर घोटाला
ग्राम पंचायत बांसडांड में सरपंच सचिव ने मिलकर खूब मलाई खाई है जिसका नतीजा है कि इस पंचायत के सभी निर्माण कार्य में जमकर गोलमाल हुआ है। ग्राम पंचायत को ओडीएफ तो घोषित करवा दिया। लेकिन सभी के घर में शौचालय का निर्माण नहीं किया गया है। शौचालय नहीं बनने के कारण आज लोगों को खुले में शौच करने जाना पड़ रहा है ग्रामीणों ने बताये कि शौचालय तो नहीं बनाया है और जिनके यहां शौचालय बना है उसमें शौच करने नहीं बनता है इतना घटिया निर्माण करवाया है सरपंच-सचिव ने।
कभी कभार आते हैं सचिव ग्राम पंचायत में
बांसडांड वासियों ने प्रेस को बताये कि सचिव बुधेश्वर पटेल कभी कभार ही पंचायत आते हैं सचिव पंचायत में नहीं आने के कारण ग्रामीणों का बहुत सारे काम नहीं हो पाता है जिस तरह से सचिव पंचायत नहीं आते हंै वैसे ही हमारे सरपंच भी घर में बहुत कम मिलते हैं। हम लोगों को जब कोई काम पड़ता है तो सरपंच सचिव को खोजना पड़ता है सरपंच तो एक बार में मिल भी जाते हैं लेकिन सचिव बुधेश्वर पटेल नहीं मिलते हैं हमारे सचिव तो ईद के चांद है कभी कभार ही पंचायत में दिखार्द देते हैं महिने में एक या दो बार ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन से मांग किया है कि ग्राम पंचायत बांसडांड में किए गये निर्माण कार्य का उच्चस्तरीय जांच कर दोषियों पर कड़ी कार्यवाही करें ताकि गरीबों को मिलने वाली सुविधा से कोई वंचित न कर सकें।