रामकृष्ण पाठक कुड़ेकेला। गणेश हाथी का उत्पात क्षेत्र में लंबे समय से जारी है, जहां गणेश का दहशत क्षेत्र में व्याप्त होने के साथ ही साथ जंगली भालू ने भी अपना भय दिखाने में कोई कसर कम नहीं करता नजर आ रहा है कुछ दिनों पूर्व बोरो रेंज में भालू के हमले से अपने को पेड़ में चढ़ एक बुजुर्ग ने अपनी जान बचाई वहीं बंगरसुता के मवेशी चराने गए साधराम राठिया भालू के हमले से घायल हुआ। शुक्रवार के भोर 4 बजे गणेश हाथी सारसमार गांव में आकर प्रेम सिंह के बने कच्चे मकान को पूरी तरह से तोड़ दिया। बाड़ी में लगे केला मक्का की फ सल को पूरी तरह बर्बाद कर दिया। प्रेम सिंह के आशियाना टूटने से जहां घर में रखे दो पहिया वाहन व घरेलू उपयोग के अन्य कई सामान दबकर क्षतिग्रस्त हो गया। वन विभाग से मिली जानकारी अनुसार गणेश हाथी सारसमार गांव भोर के बजे जंगल से गांव के करीब आया और प्रेम सिंह के घर को निशाना बनाकर तोडफ़ोड़ कर लगभग डेढ़ घंटे तक गांव में विचरण करता रहा। जिसकी जानकारी घर मालिक द्वारा वन विभाग के कर्मचारी को दी गई जहां सूचना पर विभाग की टीम मौका मुआयना के लिए सारसमार रवाना हुए और प्रेम सिंह के घर व फ सल नुकसानी का विवेचना कर आकलन किया गया।
विभाग द्वारा किया गया पहल
वन विभाग के कर्मचारी उच्च अधिकारियों के दिशा-निर्देश पर लाखों रुपए खर्च कर उत्पाती हाथी का खबर लिया व उसे चिन्हअंकित कर गणेश नाम दिया इतना ही नहीं धर्मजयगढ़ वन मंडल में गणेश के बढ़ते उत्पात को शांत करने के लिए कोरबा वन मंडल धरमजयगढ़ वन मंडल व अन्य प्रांत से आए हाथी विशेषज्ञों की टीम ने गणेश हाथी को अपने काबू में कर लिया था और कानन पिंगला अभयारण्य ले जाने का प्रयोजन भी कर लिया किंतु विशेषज्ञ डॉक्टरों के बताए अनुसार इस कार्य के लिए 16 से 18 घंटे गणेश हाथी को बेहोश रखना खतरे से खाली नहीं था। यह सोचकर गणेश हाथी को पुन: कॉलर आईडी लगाकर वन्य क्षेत्र में स्वतंत्र छोड़ दिया गया जहां कुछ दिनों तक हाथी रोशनी देख दूर भाग तथा गांव के करीब नहीं जाता था। किंतु समय बीतते ही गणेश अपने पुराने रूप में आकर लोगों पर, पेड़ पौधों पर, रोड पर चल रहे भारी वाहनों पर तोडफ़ोड़ कर अपना गुस्सा दिखाना प्रारंभ कर दिया।
विभाग के पास गणेश हाथी को लेकर आ रही समस्या
गणेश हाथी से लोगों को निजात दिलाने के लिए विभाग द्वारा किए अथक प्रयास धरे के धरे रह गये इसमें विभाग किसी तरह कामयाब नहीं हो सकी विभाग के इस कार्य पर पानी उस समय फि र गया जब सुप्रीम कोर्ट पर निमल लवर के नाम से जाने जाने वाले एक शख्स याचिका दायर कर दिया किंतु शहर में रहने वाले इस एनिमल लवर को यह ज्ञात नहीं कि यहां मानव व हाथी के बीच आए दिन द्वन्द चल रहा है। इस पर दोनों का नुकसान हो रहा है जिसमें मानव का काफ ी हद तक नुकसान होता नजर आ रहा है।
आखिर वन विभाग के अधिकारी चिन्हांकित गणेश हाथी पर क्यों कुछ करने से पीछे हट रहे
मानव प्रजाति के आए दिन गणेश हाथी द्वारा कुचलने जाने का मुआवजा देना समस्या का समाधान तो नहीं आए दिन गणेश हाथी द्वारा लोगों को मारना घायल करना घर मकान क्षति पहुंचाना फसल बर्बाद करना और इन पर विभाग द्वारा आकलन कर मुआवजा देना नुकसानी अदा करना मानव जीवन का मूल्य मुआवजे के चंद रुपयों से आका जाना सही है सरकार द्वारा मानव जाति को इस तरह मरने के लिए छोड़ दे रही है। गणेश हाथी पर जब प्रभावित लोगों से बात की गई तो आक्रोशित ग्रामीणों के जुबान ने गणेश हाथी को पागल ठहराने लगे और उसे यहां से जल्द से जल्द कहीं अन्यत्र ठिकाने लगाने की बात कही गई अगर ऐसा नहीं होता है तो विभाग को चाहिए कि वे इसे मार दे। एक के मरने से सैकड़ों की जान बच सकती है तो विभाग इस पर कोई ठोस कदम क्यों नहीं उठाती क्या मानव जीवन का मूल्य महज छ: लाख आंख रही है सरकार। यदि हाथी द्वारा किसी परिवार के लोग को मारे जाने पर उस परिवार के किसी एक सदस्य को शासकीय नौकरी अपने ही विभाग में दे यह लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गया है।
- छाल रेंज के लिए गणेशा हाथी बड़ी समस्या बन चुकी है। जहां गणेश हाथी के विषय में उच्च अधिकारियों से बात की गई है और इस पर जो भी शासन-प्रशासन ईस्तर से गाइडलाइन जारी की जाती है उस पर पहल की जाएगी।
प्रियंका पांडे वन मंडल अधिकारी धरमजयगढ़