Home समाचार धरमजयगढ़ महिला बाल विकास परियोजना की बंटाधार शिक्षा व्यवस्था

धरमजयगढ़ महिला बाल विकास परियोजना की बंटाधार शिक्षा व्यवस्था

161
0


संजय सारथी बाकारुमा।

 आंगनबाड़ी मुख्यरूप से ग्रामीण क्षेत्रो में माँ और बच्चों की देखभाल केंद्र है। बच्चों के भूख और कुपोषण से निपटने के लिए एकीकृत बाल विकास सेवा कार्यक्रम के भाग के  रूप में, 1985 में उन्हें भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया था। आंगनबाड़ी का अर्थ है कि “आंगन आश्रय”।आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओ की ज़िम्मेदारी अत्यंत महत्वपूर्ण है वे गर्भवती महिलाओं के लिए जन्मपूर्व और प्रसवपूर्ण देखभाल सुनिश्चित करते है और नवजात शिशुओं और नर्सिंग माताओं के लिए तुरंत निदान और देखभाल करते हैं वे 6 वर्ष से कम उम्र के सभी बच्चों के टीकाकरण का प्रबंध करते है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता 6 वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए पूरक पोषण के वितरण व महिलाओं के लिए नियमित स्वास्थय और चिकित्सा जांच की निगरानी उनकी मुख्य जिम्मेदारियों में से एक है। कार्यकर्ता अक्सर एक शिक्षक की भूमिका निभाते हैं और 3 से 5 साल के बीच के बच्चों को पूर्व-स्कूल शिक्षा प्रदान करना है। इसके विपरीत धरमजयगढ़ विकासखंड के ग्रामपंचायत गनपतपुर में पिछले 1 वर्ष से अर्धनिर्मित आंगनबाड़ी धूल खा कर घास फुस उग कर खंडहर में तपदिल हो रही है जिसका कार्य आज तक पूर्ण नही हो पाया है व किसी दूसरे की आठ-परछी मे आंगनबाडी का संचालन किया जा रहा है। नौनिहालों के जीवन में शिक्षा का प्रारंभिक स्तर आंगनबाड़ी से प्रारंभ होता है और यही एक अनपढ़ साहिका के द्वारा नौनिहालों बच्चे के भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है।  यहाँ पदस्त कार्यकर्ता को उम्र हो जाने के कारण उनकी सेवासमाप्त कर दी गयी व इसके 1वर्ष बीत जाने के पश्चात भी कार्यकर्ता की नियुक्ति नही की गई।  भाजपा के जिलापंचायत सदस्य, अजजा अध्यक्ष व खुद को विधायक पद के हकदार मानने वाले हरिशचंद्र राठिया के गांव घर से अर्धनिर्मित आंगनबाडी मात्र 100 मी. की दूरी में ऐसी दुर्दशा में है वह अपनी जिम्मेदारियों के मुँह फ़ेर रहे है। जैसे लगता हैं जब की यह उनके स्वयं के गाँव की हालात ऐसी है तो वह पूरे क्षेत्र को कैसे सम्हालते हैं यह प्रश्न चिन्ह उन पर लगता हुआ? कहा भी जाता हैं पहले गांव फिर प्रदेश फिर देश लेकिन यहाँ तो गांव नई देखा जा रहा हैं क्या इस आगनवाडी पर किसी बाल विकास परियोजना के किसी सक्षम अधिकारी की नजर नहीं पड़ी क्या इस क्षेत्र के सेक्टर प्रवेक्षक द्वारा यह जानकारी बाल विकास परियोजना अधिकारी को नही पहुँचाये या कभी सेक्टर प्रवेक्षक व बाल परियोजना अधिकारी यहाँ जाँच करने कभी पहुँचे ही नही व पिछले एक साल से यहाँ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की नियुक्ति नही की गई यह सोचने वाली बात है। शिक्षा से तो खिलवाड़ ना किया जाए इतना लचार बाल विकास परियोजना की शिक्षा व्यवस्था……

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here