फ़िरोज खान रतनपुर । नगर के अधिकांश निजी स्कूलों में स्कूल संचालकों द्वारा अपने निजी लाभ लेने के चलते राज्य शिक्षा अधिनियम के नियमों को दरकिनार किया जा रहा है। और व्यवसायिक तौर से इन स्कूलों का संचालन इनके द्वारा किया जा रहा है। जबकि इन निजी स्कूलों के लिए भी सरकार द्वारा नियम ,कानून जारी किया गया है जिसका पालन नहीं किया जा रहा है वहीं वार्ड क्रमांक 3 में स्थित एक स्कूल संचालक ने तो स्वयं अपना नियम बना के रहे है स्कूल का संचालन इस संदर्भ में खंड शिक्षा अधिकारी ने जांच कर मामले से उच्चाधिकारियों को अवगत कराने की बात कहीं है। नगर के वार्ड क्रमांक 03 में स्थित सरस्वती ज्ञान मंदिर में बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ तो किया ही जा रहा साथ ही साथ उनके अभिभावकों की खून पसीने से कमाई गई रकम की भी बर्बादी इस स्कूल संचालक द्वारा किया जा रहा है शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत राज्य और केंद्र सरकार ने बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने हेतु अनेकों नियम बनाए है लेकिन इस स्कूल में सभी नियम कानूनों को तक पर रखकर कार्य किया जा रहा है और शासकीय नियमों को दरकिनार करते हुए इस स्कूल संचालक के द्वारा इस स्कूल में अपने ही बेतुके नियम बनाकर बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है ।
आवासीय मकान को बना डाला स्कूल
सरस्वती ज्ञान मंदिर के नाम से संचालित इस स्कूल को आवासीय परिसर को स्कूल का स्वरूप दे दिया गया है , जहां बरामदे में परदा लगाकर कक्षाये लगाई जा रही है ,। जहां आर. टी. ई. के मापदंडों के अनुरूप न तो पर्याप्त कमरे हैं ,और न ही कमरों का आकार मापदंडों के अनुरूप है ऐसे में यहां अध्ययन करने वाले विद्यार्थियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है छोटे छोटे कमरों में बेतरतीब तरीके से बिठाकर बच्चों को पढाया जाता है । तीन वर्ष से स्कूल प्रबंधन की नहीं हुई बैठक
सरस्वती ज्ञान मंदिर शिक्षा समिति के सचिव डॉक्टर महेन्द कश्यप ने जानकारी देते बताया कि स्कूल के संचालक एवं प्राचार्य सुरेश कुमार राज के द्वारा जब स्कूल खोला गया था उस समय स्कूल संचालन के लिए समिति बनाई गई थी लेकिन बाद में धीरे धीरे स्कूल संचालक के द्वारा समिति को ही दरकिनार करते हुए स्वयं ही सभी प्रकार के फैसला लिया जाता है स्कूल प्रबंधन समिति को किसी भी प्रकार की कोई जानकारी नहीं दी जाती है और ना ही कोई मीटिंग या चर्चा किया जाता है ।
अप्रशिक्षित शिक्षकों के हाथों अध्यापन की जिम्मेदारी
यहां प्रशिक्षित शिक्षक भी नहीं है । जबकि मार्च 2019 से शासन द्वारा सभी सरकारी व गैर सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की शैक्षणिक योग्यता प्राथमिक कक्षाओं के लिए हायर सेकेंडरी के साथ डीएलएड तथा माध्यमिक कक्षाओं के लिए ग्रेजुएशन के साथ बीएड अनिवार्य कर दिया गया है , किंतु यहां वार्ड क्रमांक 03 में स्थित स्कूल में ऐसे टीचर भी है जो पूर्व में पढ़ाने के अनुभव के कमी के साथ साथ बिना डीएलएड योग्यता के अप्रशिक्षित टीचर के हाथों गणित और अंग्रेजी जैसे विषयों की कमान पकड़ा कर बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।
अमानक वाहन से परिवहन बच्चों के जान से खिलवाड़
सरस्वती ज्ञान मंदिर के संचालक के द्वारा दो टाटा मैजिक वाहन बच्चों को स्कूल से घर लाने और स्कूल से घर पहुंचाने हेतु किया जाता है इन वाहनों को परिवहन विभाग से किसी भी प्रकार से बच्चों को लाने ले जाने हेतु कोई पत्र जारी नहीं किया गया है क्योंकि ये वाहन बच्चों को परिवहन के अनुरूप बने ही नहीं है ऐसे में स्कूल संचालक अपनी मोटी कमाई के बच्चों के जान से खिलवाड़ करते नजर आ रहा है।
जांच कर उच्चाधिकारी को सौंपी जाएगी रिपोर्ट सरस्वती ज्ञान मंदिर के द्वारा बच्चों के भविष्य और जान से खिलवाड़ करने के मामले को लेकर कोटा विकास खण्ड के शिक्षा अधिकारी डॉक्टर एम एल पटेल कहा कि इस मामले की गंभीरता से जांच की जाएगी और इसकी रिपोर्ट तैयार कर उच्चाधिकारी को वस्तुस्थिति से अवगत कराया जाएगा एवं उनके मार्गदर्शन में उचित कार्रवाई की जाएगी।