अशोक भगत लैलूंगा। लैलूंगा विकासखण्ड से मात्र 10 किलोमीटर की दूरी पर बसा ग्राम पंचायत झगरपुर के ग्रामीणों को बूंद-बूंद पानी के लिए आज के युग में भी तरसना पड़ रहा है। ग्रामीणों के इस भीषण समस्या को दूर करने के लिए न तो स्थानीय प्रशासन ने आज तक ध्यान दिया और न ही जनप्रतिनिधियों ने, झगरपुर के ग्रामीणों ने विधायक चक्रधर सिदार पर एक गंभीर आरोप लगाते हुए हमारे टीम को बताया कि विधायक सिदार से मिलने के लिए झगरपुर के महिलाएं पीकअप एवं ट्रेक्टर में भर कर उनके निवास गये थे कि मुस्लमान मोहल्ले में पानी की भारी समस्या है।
मुहल्ले में पानी नहीं होने के कारण मोहल्ले वासियों को भारी दिक्कतों का समाना करन पड़ रहा हम मोहल्लेवासी झगरपुर से लगभग 3 किलोमीटर दूर बनेकेला मोहल्ले से पानी पीकआप किराया कर लेने जाता है एक बार का पीकअप किराया 300 रूपये लेते हैं। जो अमीर है वो तो पीकआप में ले आते हैं और जो गरीब है उनको पानी के लिए और अधिक परेशानी होता है। विधायक चक्रधर से मोहल्लेवासियों ने हाथ जोड़कर मुस्लमान मोहल्ले के लिए एक बोर खनन कराने की मांग की थी विधायक चक्रधर सिदार ने महिलाओं को यह कहते हुए वापस भेज दिया था कि जल्द ही मुस्लमान मोहल्ले में पानी की व्यवस्था कर दिया जायेगा लेकिन विधायक जी वादा तो निभाया मगर मुस्लमान मोहल्ले से किये गये वादा नहीं अपने ससुराल वाले मुहल्ले में जरूर विधायक महोदय ने बोर खनन कर मशीन भी लगा दिए।
पानी की किल्लत से परेशान स्कूली बच्चें
झगरपुर के प्राथमिक शाला एवं पूर्व माध्यमिक शाला के छात्र-छात्राओं को एक-एक बूंद पानी के लिए स्कूल में तरसना पड़ रहा है। स्कूली बच्चों ने प्रेस को बाताया कि हम लोगों को पानी की भारी समस्या होता है स्कूल में ठीक से पानी नहीं मिला है। बच्चों की बात सूनकर हमारी टीम भी एक बार के लिए सन हो गये कि ये क्या है कि स्कूल में बच्चों को पीने के लिए पानी तक उपलब्ध नहीं है। इस संबंध में पूर्व माध्यमिक शाला के प्रधान पाठक बंजारे से बात करने पर बताया कि पूर्व माध्यमिक शाला में 95 एवं प्राथमिक शाला में 80 छात्र-छात्रा हैं इतने अधिक बच्चों के लिए पानी व्यवस्था करना बहुत परेशानी हो रहा है। क्योंकि इस मोहल्ले में पानी की भारी दिक्कत है स्कूल के स्वीपर और रसोईया लगभग 1 किलोमीटर दूर से पानी लाते हैं। उसी पानी से बच्चों को दिया जाता है स्कूल में पानी के लिए और कोई व्यवस्था नहीं है। झगरपुर के इन दोनों स्कूल में पीएचई विभाग द्वारा एक-एक बोर खनन तो करवाया गया है लेकिन बोर में ठीक से पानी नहीं निकला जिसके कारण पीएचई विभाग द्वारा इसमें न तो हेंडपम्प लगाया गया और न ही बोर मशीन।
स्कूल की भूमि पर ग्रामीणों ने कर लिया बेजा कब्जा स्कूल प्रशासन मौन
ग्रामीणों ने बताया कि स्कूल के जमीन को ग्रामीणों द्वारा बेजा कब्जा कर मकान दुकान बना लिया गया है और स्कूल के शिक्षक एवं शिक्षा विभाग के अधिकारी मौन बैंठे हुए हैं। जब इस संबंध में प्रधान पाठक बंजारे से पूछा गया तो बताया कि ऐसा लग रहा है कि स्कूल की जमीन पर अगल बगल के लोग कब्जा कर लिया है मैं बीईओ को मौखिक रूप से इसकी जानकारी दिया हूं। मैं स्कूल की जमीन का सीमांकन करने के लिए आवेदनकर सीमांकन करवा लेता हूं इसके बाद पता चल पायेगा क्या सच है।
सरकारी बोर पर ग्रामीण का कब्जा
ग्रामीण महिलाओं ने बताया कि स्कूल के बगल में एक बोर खनन सरकार द्वारा किया गया था जिसमें पानी ठीक है लेकिन उस बोर को अजमत खान द्वारा कब्जा कर लिया गया है ये कहते हुए की यह सरकारी नहीं हम लोगों का है उस बोर को कब्जा कर बोर मशीन लगा लिया है। ग्रामीणों ने स्थानीय प्रशासन से मांग किया है कि सरकारी बोर को कब्जा मुक्त कर ग्रामीणें को उपयोग करने के लिए व्यवस्था करें अगर ऐसे करते हैं तो मुस्लमान मोहल्ले में पानी की परेशानी बहुत मात्रा कम हो जायेगा।
स्कूल में पानी की व्यवस्था के लिए हेंड पंप लगा देता हूं – टंडन
स्कूल में पानी की समस्या को लेकर जब पीएचई विभाग के अधिकारी टंडन से बात किया गया तो उन्होंने बताया कि झगरपुर के दोनों स्कूल में बोर खनन किया गया था लेकिन उसमें पानी नहीं निकला जिसके कारण उसमें हेंड पंप नहीं लगाया गया है। अभी शिक्षकों ने बताया कि वर्तमान में पूर्व माध्यमिक शाला में खोदा गया बोर में पानी है तो हमारे द्वारा बोला गया है कि हेंड पंप का समान ले जाये और लगा कर देख ले बरसात के दिन होने के कारण हो सकता है कि पानी मिल जाये।
प्राथमिक शाला में नहीं मिल रहा पोष्टीक मध्यान भोजन
ग्रामीणों से मध्यान भोजन के बारे में चर्चा करने पर मोहल्ले के महिलाओं ने बताया कि हम लोगों के बच्चे दोनों स्कूल में पढ़ते हैं। और हम लोग बच्चों को ठीक से मध्यान भोजन मिल रहा है कि नहीं पढ़ाई हो रहा है कि नहीं देखने आते हैं पूर्व माध्यमिक शाला में बच्चों को ठीक से भर पेट भोजन दिया जाता है लेकिन प्राथमिक शाला में बच्चों को भर पेट मध्यान भोजन नहीं दिया जाता है। अगर कोई बच्चा बदमाशी करता है तो स्कूल के शिक्षक उन बच्चों को दिन भर भूखे रख देते हैं अभी कुछ दिन पूर्व स्कूल के 5 बच्चे किसी बात को लेकर बदमाशी किया था तो स्कूल के शिक्षकों द्वारा इन 5 बच्चे को भूखे रखे थे। और प्राथमिक शाला के रसोईयां ठीक से खाना नहीं बनाते हैं इस स्कूल के बच्चों को भर पेट खाना नहीं दिया जाता है, खान बनाने वाले रसोईया रोज मध्यान भोजन का खाना घर ले जाते हैं लेकिन स्कूली बच्चों का भरपेट खाना नहीं देते हंै और स्कूल के शिक्षक बैंठकर देखते रहते हैं।