नितिन सिन्हा रायगढ़। अपनी ही जमीन पर कब्जा पाने के लिए 81 साल के बुजुर्ग को उम्र के इस पड़ाव में भी तहसील न्यायालय से तारीख पर तारीख ही मिली तथा ढाई साल बाद आखिरकार उसके आवेदन को खारिज कर दिया गया। बुढ़ापे में जमीन बेच कर ईलाज कराने का सपना संजोये उसने कलेक्टर से गुहार लगाई है पंरतु यहां से भी उसे न्याय की कोई उम्मीद की कीरण नजर नहीं आ रही। दरअसल एक भाजपा नेता ने उसकी जमीन पर बलात कब्जा कर लिया है जिससे वह अपनी संपत्ति बेच भी नहीं पा रहा है और कलेक्टर ने भी उसे एसडीएम न्यायालय में अपील करने को कह दिया। हुआ यूं कि 81 वर्षीय बालाराम पटेल ने रायगढ़ के दरोगामुड़ा 1440 वर्ग फु ट जमीन खरीद कर उस पर मकान भी बनाया था। कुछ साल रहने के बाद वह परिवार के साथ गांव जाकर बस गया। तकरीबन 20 साल बाद बुढ़ापे में बिमारी का ईलाज कराने के लिए उसे रकम की आवश्यक्ता पड़ी तो उसने रायगढ़ के मकान को बेचने का मन बनाया तथा मकान की सफ ाई कराने पंहुचा तो पता चला कि रविन्द्र भाटिया नाम के एक शख्स ने उस पर कब्जा जमा रखा है। बताया जा रहा है कि रविन्द्र भाटिया भाजपा नेता है। अपना मकान से रविन्द्र भाटिया का कब्जा खाली कराने के लिए बालाराम ने ढाई वर्ष पूर्व तहसील न्यायालय में आवेदन दिया था। उसके आवेदन पर न्याया की जगह उसे केवल तारीख पर तारीख ही मिलती रही। वहीं अंतिम में तहसील न्यायालय ने बालाराम के आवेदन को खारिज कर दिया। मुललिसी की मार झेल रहे बुजुर्ग कलेक्टर से न्याय की गुहार लगाने मंगलवार को जिला कार्यालय पंहुचा था। कलेक्टर ने उसे एसडीएम कोर्ट में अपील में जाने की नसीहत देकर चलता कर दिया। हां साहब ने इतना आश्वासन जरूर दिया कि वे एसडीएम को बोल देंगे कि फैसला जल्द करा दे। उम्रदराज हो चले बालाराम का कहना है कि उसकी तबियत अमुमन खराब ही रहती है तथा वह चलने फि रने में भी सक्षम नहीं है ऐसे में कहीं अपनी जमीन वापस लेने की आस में ही न रह जाए।