प्रीतम जयसवाल, कोरबा-कोरबा जिले के मानिकपुर रेलवे साइडिंग टू रेलवे फटक के पास मे रविवार शाम कोयले से लदी मालगाड़ी का इंजन पटरी से उतर गया पायलेट ने किसी तरह इंजन को काबू कर घटना की जानकारी आला अफसरों को दी सूचना मिलते ही एसईसीएल व रेलवे के अफसर मौके पर पहुंचे और मशीनों के जरिए इंजन को पटरी पर लाने का काम देर रात तक कराया गया जिसके चलते कोल परिवहन प्रभावित हुआ रेलवे फाटक होने के चलते लोगों को परेशानी भी उठानी पड़ी बताया जा रहा है कि टेक्निकल फाल्ट के चलते यह घटना हुई
लेकिन जानकारों की मानें तो कोल परिवहन के लिए बिछाए गए रेल लाइन की देखरेख व मरम्मत के अभाव में यह घटना हुई कोल रेलवे साइडिंग की जवाबदारी एसईसीएल की है बावजूद इसके मरम्मत में ध्यान नहीं दिया जा रहा है रेल लाइन में कई जगह पटरी में दरार आ गई हैं और ट्रेक पर बिछाए गए लकड़ी के पटरे गिट्टी के साथ जमीन में समा चुके हैं रेल लाइन व उसके किनारे में बड़ी-बड़ी घास उगी हुई हैं घासो को भी नहीं साफ कराया गया है प्रबंधन की अनदेखी के चलते आए दिन ऐसी घटनाएं हो रही हैं और इसका खामियाजा कोल कंपनियों को लाखों करोड़ों की क्षति के रूप में उठाना पड़ रहा है पूर्व में भी ऐसी घटनाएं सामने आ चुकी हैं आपको बता दें कि कोरबा जिला औद्योगिक नगरी के नाम से जाना जाता है जहां पर बालको एल्यूमीनियम पावर प्लांट , एनटीपीसी , सीएसईबी एसीबी सहित कई कंपनियों के छोटे बड़े पावर प्लांट स्थापित है वही एसीसीईएस की सबसे बड़ी गेवरा कोयला खदान के साथ जिले में कई कोयला खदानें हैं जहां रेल मार्गों द्वारा कोरबा सहित अन्य राज्यों के विभिन्न उद्योगों को कोयला की आपूर्ति की जाती है कोरबा जिले से रात दिन भारी मात्रा में एसईसीएल की रेल साइडिंग से रेलों के द्वारा कोयला परिवहन करते देखा जा सकता है जिसकी जिम्मेदारी एसईसीएल प्रबंधन की होती है लेकिन एसईसीएल प्रबंधन द्वारा इन रेल साइडिंगों की मरम्मत समय पर न कराने और अनदेखी के चलते ऐसी घटनाएं आए दिन सामने आती रहती हैं ऐसी घटनाओं के चलते जहां कोल परिवहन तो प्रभावित होता ही है वही रेल संपत्ति का भी नुकसान होता है इसके साथ साथ लोगों को भी परेशानी होती है ।