नई दिल्ली. सोनिया गांधी कांग्रेस की नई अंतरिम कांग्रेस अध्यक्ष होंगी। वे दो साल बाद फिर कांग्रेस की कमान संभालेंगी। शनिवार रात कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्ल्यूसी) की बैठक खत्म होने के बाद गुलाम नबी आजाद ने इसकी जानकारी दी। इससे पहले अध्यक्ष का चुनाव करने के लिए कांग्रेस ने 5 समितियां बनाकर रायशुमारी करने का फैसला लिया था। इस पर हो रही चर्चा में राहुल गांधी भी कुछ देर के लिए शामिल हुए। उन्होंने बाहर आकर कहा कि कश्मीर में हिंसा की खबरें मिली हैं, इसलिए अध्यक्ष पद पर विमर्श रोककर इस पर चर्चा के लिए मुझे बुलाया गया था।
सूत्रों के मुताबिक प्रदेश अध्यक्षों, विधायकों और सांसदों से रायशुमारी में ज्यादातर नेताओं ने राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाए रखने की बात कही थी। कुछ राहुल का इस्तीफा स्वीकार करने और प्रियंका को पार्टी की कमान सौंपने के पक्ष में हैं। चर्चा के लिए लिए सोनिया और प्रियंका गांधी, मनमोहन सिंह, एके एंटनी, मल्लिकार्जुन खड़गे, ज्योतिरादित्य सिंधिया एआईसीसी दफ्तर पहुंचे। विचार-विमर्श के बीच राहुल गांधी दफ्तर पहुंचे।
कश्मीर के हालात पर चर्चा के लिए मुझे बुलाया गया: राहुल
राहुल गांधी ने कहा- ”नए कांग्रेस अध्यक्ष पर चर्चा के बीच कश्मीर में हिंसा की खबरें आईं। वहां हालात बहुत खराब हैं। इसलिए अध्यक्ष पद पर चर्चा रोककर मीटिंग के बीच में कश्मीर के हालात पर प्रजेंटेशन देना पड़ा। कश्मीर के मुद्दे पर चर्चा के लिए मुझे विशेष तौर पर बुलाया गया था। प्रधानमंत्री मोदी को कश्मीर को लेकर स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। जम्मू-कश्मीर को लेकर आईं रिपोर्ट्स पर हम चिंतित हैं।”
राहुल-सोनिया अध्यक्ष के लिए विचार-विमर्श में शामिल नहीं
सोनिया-राहुल गांधी भी सुबह सीडब्ल्यूसी की बैठक के दौरान पार्टी दफ्तर पहुंचे, लेकिन थोड़ी देर बाद चले गए। जबकि प्रियंका गांधी पूरे समय मौजूद रहीं। यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने कहा, ”मैं और राहुल अध्यक्ष पद के लिए हो रहे विचार-विमर्श प्रक्रिया का हिस्सा नहीं हैं। सीडब्ल्यूसी के सदस्य देशभर से आए नेताओं से चर्चा करेंगे।”
राहुल ने फिर से कार्यसमिति का आग्रह ठुकराया
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस कार्यसमिति ने अध्यक्ष के चुनाव के लिए 5 समितियां बनाकर नेताओं से राय मांगी। सीडब्ल्यूसी ने राहुल गांधी से पार्टी अध्यक्ष बने रहने का आग्रह किया था, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया। राहुल ने कहा है कि वे कार्यकर्ताओं के साथ लड़ाई जारी रखेंगे। सरकार संवैधानिक संस्थाओं पर आक्रमण कर रही है, ऐसे में हम मानते हैं कि राहुल गांधी ही अध्यक्ष पद के लिए उपयुक्त हैं।
25 मई को राहुल गांधी ने दिया था इस्तीफा
राहुल गांधी की ओर से पहले ही स्पष्ट कर दिया गया है कि अध्यक्ष चुनने में किसी तरह की चिंता करने की जरूरत नहीं है। राहुल ने कहा था कि अध्यक्ष चुनने के लिए कांग्रेस को दबाव में देखकर अच्छा लग रहा है। यही एक बात है जो पार्टी को बेहतर करने में सफल करेगी। राहुल ने लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद 25 मई को अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था।
कई नेताओं ने प्रियंका को अध्यक्ष बनाने की बात कही
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कर्ण सिंह ने कहा था कि अगर प्रियंका पार्टी अध्यक्ष बनती हैं तो वे कैडर में अधिक जोश भर सकती हैं। उनमें लोगों को एकजुट करने की ताकत है। नेतृत्व तय करने में देरी से पार्टी को नुकसान हुआ है। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा था कि पार्टी की कमान किसी युवा नेता के हाथों में ही दी जाना चाहिए। वहीं, प्रियंका ने कहा था कि मेरा नाम अध्यक्ष पद के उम्मीदवारों में न शामिल किया जाए।