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भ्रष्टाचार का गढ़ ग्राम पंचायत दियागढ़ * बदहाली की जिंदगी जी रहे सुदूर जंगल में बसे ग्राम केनापारा के ग्रामीण * शासकीय योजनाओं का नहीं मिल रहा लाभ, शिकायत के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं

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अशोक भगत, लैलूंगा। रायगढ़ जिले के आदिवासी विकासखंड लैलूंगा के सुदूर घने जंगलों में बसे ग्राम पंचायत दियागढ़ के आश्रित ग्राम केनापारा के बासिंदे आधुनिकरण के इस युग में भी अत्यंत बदहाली की जिंदगी जीने को मजबुर है। विकास खण्ड मुख्यालय से चन्द कदमों सी दूरी पर जंगली इलाका होने की वजह से केन्द्र तथा राज्य सरकार की महत्वपूर्ण योजनाएं यहां दम तोङ़ती नजर आ रही है।

बुनियादी सुविधाओं से वंचित यहां के बासिंदों ने अपनी बदहाली को लेकर कई बार सरपंच-सचिव सहित संबंधित अधिकारियों को लिखित शिकायत की परन्तु अब तक कोई कार्यवाही नहीं हुई। यहां तक कि बदहाली का आलम जस कि तस बनी हुई है। कि विगत 15 वर्ष पूर्व बने सीसी रोड पूरी तरह उखड़ कर कीचड़ युक्त हो गई है। जिससे बरसात के दिनों में आवाजाही करने मे नन्हें-मुन्हें स्कुली छात्र-छत्राओं के अलावा ग्रामीणों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। वहीं गांव में शौचालय निर्माण सहित अन्य विकास कार्यों को लेकर गांव की महिलाओं में काफी आक्रोश व्याप्त है। महिलाओं का कहना है, कि गांव में आधा अधूरा शौचालय बना के छोड़ दिया गया है। जिसका उपयोग भी नहीं हो पा रहा है। जिससे उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत केनापारा में एक भी हितग्राहियों का आवास स्वीकृत नहीं किया गया है। इसके अलावा पंचायत में आधे अधूरे बने आंगनबाङ़ी में कार्यरत मजदूरों को मजदुरी नहीं मिला। चिंगारी में निर्मित तालाब आधा अधुरा छोड़ दिया गया है। तथा शासन द्वारा स्वीकृत बोर को अपने घरों में खुदवाया गया है।

मुलभुत की राशि को व्यापक पैमाने पर बंदरबाट किया गया है। रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने के लिए खेती बाड़ी पर आश्रित यहां के ग्रामीणों को मूलभूत सुविधाओं को लिए दो चार होना पड़ रहा है। ग्रामीणों की माने तो विकास तो दूर की बात विकास हेतु चर्चा के लिए ग्राम सभा का भी आयोजन नहीं किया जाता है। और न ही पंचों को किसी प्रकार की जानकारी दी जाती है। जिसके जिम्मेदार यहां के सरपंच सोनाबाई सिदार तथा सचिव संकीर्तन पटेल है। उनके कार्यप्रणाली के कारण यहां के पंच भी काफ ी आक्रोशित है। वहीं गांव की बदहाली को लेकर जब सरपंच सोनाबाई सिदार से बातचीत की गई तो उनका साफ तौर पर कहना है, कि ग्रामीणों द्वारा लगाया गया आरोप निराधार है। गांव के विकास के लिए हमने बहुत सारे कार्य किया है। तथा आए दिन ग्राम केनापारा में हमारे द्वारा दौरा किया जाता है। इधर गांव के महिला समूह की महिलाओं का कहना है, कि मुख्य मार्ग से हटकर अंदरूनी इलाका होने के साथ-साथ आश्रित गांव होने के कारण हमारे गांव को ध्यान नहीं दिया जा रहा है। समस्या बताते हुए ग्रामीणों ने बताया कि जरूरी कार्यों को निपटाने विकासखंड मुख्यालय जाने के लिए बस स्टॉप 3 किलोमीटर दूरी पर है। आवागमन के अभाव में बस चढऩे पैदल चलना पङ़ता है। तथा हाईस्कूल व कॉलेज में पढऩे वाले छात्र-छात्राओं को यहां से आवाजाही करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पङ़ रहा है।
सरपंच-सचिव द्वारा किए गये भ्रष्टाचार को लेकर ग्रामीण जल्द करेंगे कलेक्टर से शिकायत
ग्राम पंचायत दियागढ़ के सरपंच -सचिव की मनमानी को लेकर ग्रामीणो ने जनपद पंचायत सीईओ को विगत माह पूर्व पंचायत में हो रही मनमाने रवैये को लेकर कार्यवाही हेतु शिकायत की थी परन्तु लगभग 200 ग्रामीणों द्वारा हस्ताक्षरित लिखित शिकायत प्राप्त होने के बावजूद शिकायत पत्र कागजों में धूल चाट रही है वहीं कार्यवाही न होने से रूष्ठ ग्रामवासी जल्द ही अपनी समस्याओं को लेकर कलेक्टर के पास जाने की तैयारी कर रहे है।

क्या कहते है अधिकारी
हमारे द्वारा ग्राम पंचायतों में किसी भी समस्या के संबंध में जानकारी लेकर उनका निदान करवाया जा रहा है।
भजन साय मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत लैलूंगा

  • ग्रामीणों द्वारा लगाया गया आरोप निराधार है, शौचालय सहित अन्य सभी योजनाओं का कार्य किया जा रहा है।
    सोनाबाई सिदार सरपंच ग्राम पंचायत दियागढ़
  • सरपंच सचिव की मनमानी चरम पर है, गांव में विकास के नाम पर जेब भरने का काम किया जा रहा
    केशबो प्रधान, पंच केनापारा
  • ग्राम पंचायत में शौचालय सहित अन्य विकास कार्य यहां ठप्प है।
    कमला यादव ग्रामीण केनापारा

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