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डॉ. संतोष पटेल अपनी मोटी कमाई के लिए मरीज मेहतरीन बाई को भेजे एक निजी लैब,बाल-बाल बची मेहतरीन बाई की जान

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श्रीराम रक्त दान समिति के सदस्यों की सूझ-बूझ से बची जान

पत्थलगांव। सिविल अस्पताल में एक मरीज कि जान बची हुआ यंू की 22 जुलाई को धरमजयगढ़ तहसील के ग्राम चरखापारा की मेहतरीन बाई जो कि टीवी की बीमारी से पीडि़त है। वो अपने इलाज के लिए पत्थलगांव के सिविल अस्पताल में आई जहां मौजूद डॉक्टर सन्तोष पटेल ने मेहतरीन बाई को जशपुर रोड के निजी लैब में भेज कर अपना ब्लड जांच करवाने के लिए कहा गांव की गरीब महिला जैसे-तैसे डॉक्टर के बताए पते के निजी लैब को खोजते-खोजते पहुंची और अपना ब्लड चेक करवाया निजी लैब में जांच रिपोर्ट में मेहतरीन बाई का ब्लड गु्रप ओ पोजेट्वी आया वहां से अपने जांच रिपोर्ट लेकर अस्पताल पहुंची और उक्त मरीज को खून चढ़ाने की बात कही गई पत्थलगांव के श्रीराम रक्त दान समिति के सदस्य घरजिया बथान निवासी सुरेश यादव ने ओ पोजेट्वीब खून मेहतरीन बाई को चढ़ाने के लिए दिया पर एन वक्त में मरीज को खून चढ़ाने से पहले जब मेहतरीन बाई का सिविल अस्पताल ने ब्लड गु्रप जांच किया तो चरखापारा निवासी मेहतरीन बाई का ब्लड गु्रप ए पोजेट्वी पाया जिससे उक्त मरीज को पहले दिए गए ओ गु्रप का खून को नहीं चढाया जा सका टीवी की बीमार मरीज को फि र से रक्त दान समिति के स्थानीय युवकों ने मेहतरीन बाई के लिए उसके सिविल अस्तपताल के जांच में आये ओ गु्रप का खून इंतजाम करना पड़ा काफ ी मसक्कत के बाद ब्लड गु्रप ए पोजेट्वीब खून की व्यवस्था श्रीराम रक्त दान समिति के सदस्य पत्थलगांव के सम्पत भारद्वाज ने अपना खून दिया जिससे मेहतरीन बाई को खून चढ़ाई जा सकी। अब सबसे अहम बात ये है कि जब सिविल अस्पताल में ही ब्लड गु्रप जांच कि सुविधा उपलब्ध है तो डॉक्टर सन्तोष पटेल ने निजी लैब में मरीज को ब्लड ग्रुप चेक करवाने क्यों भेजा जहां गांव के गरीब मरीज अपने इलाज के लिए अस्पताल आते हंै। पर डॉक्टर अपने कमाई के चलते उन मरीजों को निजी लैब भेज कर जांच करवाते हैं। जबकि गरीब मरीजों के लिए शासन स्तर पर स्मार्ट कार्ड जैसे सरकारी सुविधाएं उपलब्ध करा रही है एवं सरकारी अस्पताल में ही काफ ी कम पैसे में खून एवं अन्य जांच की सुविधा उपलब्ध है जिसके द्वारा उन मरीजों का काफ ी कम खर्चे एवं मिल रहे सरकारी सुविधाओं से मुफ्त में इलाज किया जा सकता है पर डॉक्टर हंै कि मानते ही नहीं और अपनी कमाई के लिए सभी रास्ते अख्तियार कर पैसे बनाने मशगूल हंै जब इन बातों के लिए गुरुवार को पत्थलगांव सिविल अस्पताल के डॉ. सन्तोष पटेल के केबिन में पहुंचा गया तो डॉक्टर केबिन से नदारत थे ही अस्पताल से भी नदारत पाए गए। जिस पर बीएमओ डॉ. मिंज से बात की गई उन्होंने भी डॉक्टर सन्तोष पटेल के केबिन में 12 बज कर 57 मिनट में पहुंच कर डॉक्टर सन्तोष पटेल को नदारत पाया। जिससे बीएमओ ने डॉक्टर सन्तोष पटेल को कारण बताओ नोटिस जारी कर अपने उच्च अधिकारियों को इन बातों से अवगत कराने की बात कहते हुए कहा कि अस्पताल में मौजूद जांच के लिए डॉक्टरों को मरीजो को निजी लैब नहीं भेजना चाहिए इन बातों की पूरी तरह से जांच की जाएगी पत्थलगांव के निजी लैब की भी पूरी तरह जांच कि जाने की आवश्यकता है जिससे गरीब मरीजों कि जान से इस तरह की खिलवाड़ बन्द हो। अस्पताल में मौजूद कई मरीजों ने बताया कि डॉक्टर सन्तोष पटेल अस्पताल में आये कई मरीजों को अपने घर ले जाते हंै और वही इलाज कर उन मरीजों से भारी रकम वसूलते हैं मरीज बेचारे करें तो क्या करें किस्से और क्या शिकायत करे समझ में ही नहीं आता पत्थलगांव के ही जागरूक युवा रामकिशन यादव ने बताया कि जहां सिविल अस्पताल में एक ओर कैशलेश जैसे बोर्ड लगाकर लोगों के जेब के पैसे बचाने की कोशिश कर रहे हैं वही भगवान का दूसरा रूप माने जाने वाले डॉक्टर अपने जिम्मेदारी से भागते पैसे कमाने के लिए तरह-तरह के प्रयोजन अपना रहे हैं। उक्त सभी बातों को जिला जशपुरनगर के सीएचएमओ शिवमंगल पंैकरा से बात कर जानकारी दी गई जिस पर उन्होंने कहा कि शुक्रवार को पत्थलगांव पहुंच कर इन सभी बातों की जांच कर कड़ी कार्रवाही करने का भरोसा दिया।

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