जोहार छत्तीसगढ़ – घरघोड़ा।
ग्राम झरियापाली निवासी सायबानी ने अपने वृद्ध पिता समारू के साथ हुई धोखाधड़ी का मामला थाना घरघोड़ा में दर्ज कराते हुए गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि कुछ स्थानीय व्यक्तियों ने उनके अस्वस्थ और वृद्ध पिता का फायदा उठाकर उनकी भूमि से संबंधित फर्जी दस्तावेज़ तैयार कर लिए हैं, जिससे अडाणी कंपनी को भूमि बेचने का प्रयास किया जा रहा है।
कांग्रेस नेता का दबाव, विधायक के खास होने का धौंस
यहां प्रार्थिया ने नामजद शिकायत में यह भी बताया है कि कैलाश दासे के साथ शामिल व्यक्ति बिज्जू शर्मा ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष शिव शर्मा का पुत्र है एवं विधायक के खासमखास होने का धौंस दिखाकर गरीब की जमीन हड़पना चाहते हैं । प्रभावशाली व्यक्तियों के इस मामले में शामिल होने से प्रार्थी का परिवार भयभीत है और न्याय की गुहार लगा रहा है ।
बुजुर्ग के अस्वस्थता का फायदा उठाकर लिया बिक्री नकल पर दस्तखत ?
सायबानी ने बताया कि उनके पिता समारू जो अत्यधिक बुजुर्ग और बीमार है, के साथ धोखाधड़ी की गई। कैलाश दासे और बिज्जू शर्मा नामक दो व्यक्तियों ने पहले समारू को उनकी सहमति के बिना उन्हें घरघोड़ा स्थित बैंक ले जाकर 5000 की नकद राशि निकलवायी। समारू के अस्वस्थ होने के कारण उनका शारीरिक और मानसिक शोषण किया गया। इसके बाद, इन व्यक्तियों ने मिलकर समारू से बिना उनकी समझ के फर्जी दस्तावेज़ों पर हस्ताक्षर करवा लिए।
धोखाधड़ी में शामिल स्थानीय प्रभावशाली लोग
सायबानी ने आरोप लगाया कि कैलाश दासे और बिज्जू शर्मा ने घरघोड़ा तहसील के पटवारी से मिलकर खसरा नं. 33/3 से संबंधित भूमि के बिक्री नकल और अन्य दस्तावेज़ बनवाए। जब इस बारे में सायबानी को जानकारी मिली, तो उन्होंने पटवारी से संपर्क किया, जिन्होंने बताया कि उक्त दस्तावेज़ों की नकल उनके द्वारा बनाई गई थी, जिन्हें बाद में इन धोखेबाजों ने ले लिया। सायबानी ने दावा किया कि ये लोग उनकी भूमि को अडाणी कंपनी को बेचने के लिए कूट रचित दस्तावेज़ तैयार कर रहे हैं।
अडानी के कर्मचारी ने करवाये धोखे से हस्ताक्षर
सायबानी ने यह भी बताया कि अडाणी कंपनी के कर्मचारी किशोर पटनायक ने रात के समय उनके पिता से कुछ दस्तावेज़ों पर हस्ताक्षर करवा लिए, जबकि समारू को दस्तावेज़ों की सामग्री की कोई जानकारी नहीं थी। जब सायबानी ने इन दस्तावेज़ों की मांग की, तो पटनायक ने कहा कि वह उन्हें बाद में लौटा देंगे, लेकिन अब तक दस्तावेज़ वापस नहीं किए गए हैं। इस संबंध में सायबानी का कहना है कि इस धोखाधड़ी के पीछे अडाणी कंपनी का दवाब और स्थानीय दलालों की मिलीभगत हो सकती है, जो जमीन के मूल्य को बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं।
आजीविका की लड़ाई: सायबानी की अपील अपनी भूमि को बचाने की अंतिम कोशिश
सायबानी ने थाना प्रभारी से मांग की है कि इस धोखाधड़ी की पूरी जांच की जाए और उनके अस्वस्थ पिता से संबंधित सभी दस्तावेज़ वापस दिलवाए जाएं। उनका कहना है कि यह भूमि उनके परिवार का एकमात्र आर्थिक स्रोत है, और वे इसे किसी भी कीमत पर नहीं बेचना चाहते हैं। सायबानी ने आरोपियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की अपील की है, ताकि इस तरह के शोषण से उनका परिवार बच सके।