जोहार छत्तीसगढ़-धरमजयगढ़।
सरकार राज्य की जनता की मूलभूत सुविधा के लिए. नई-नई योजना लाता है। ताकि जनता को मूलभूत सुविधा, सड़क बिजली निर्मल पानी उपलब्ध हो सके, चाहे नगर हो या ग्राम पंचायत, पर नगर पंचायत धरमजयगढ़ विरला है, पीएचई विभाग की 12 करोड की योजना फेल, गरीबी रेखा नल कनेक्शन फेल, जनता मूखबधिर, सुविधा विहीन 15 वार्डों की नगर पंचामत जिसमें कई वार्ड जल विहीन तथा कई वार्ड में जल की कमी, इसे दृष्टिगत रखते हुए राज्य सरकार धरमजयगढ़ को 2006-07 में पानी टंकी व पाईप लाइन विस्तार के लिए आबंटन भेजा, पीएचई विभाग को करोड़ों का आवंटन प्राप्त हुआ जिसमें रायगढ़ में पानी एक पानी टंकी निर्मित किया तथा पाईप लाईन का विस्तार किया परंतु उक्त टंकी से प्राक्कलन अनुसार पानी सप्लाई नहीं हुआ। 2012-13 में सरकार की महती योजना गरीबी रेखा वर्ग के लोगों को मुफ्त में नल कनेक्शन, जिसके लिए नगर पंचायत को 35 लाख का आबंटन हुआ, तत्कालीन अध्यक्ष्य, उपाध्यक्ष सत्तापक्ष के होते हुए पानी की व्यवस्था न कर कई वार्ड में सूखे में पाइप कनेक्शन कर पूरे राशि का बंदरपाट कर दिया, जिसके कारण समस्या बनी रही। इससे पूर्व 2008-09 में राज्य सरकार के नमर की जनता को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने पीएसई विभाग को सौंपा गया। विभाग द्वारा सरकार से 9 करोड़ आबंटन करवा लिया, जिसमें 3 पानी टंकी और पाइप लाईन विस्तार कर घर-घर शुद्ध पेयजल पहुंचाया था, परंतु समय-सीमा में कार्य न होने के कारण बजट 9 से 12 करोड़ तक पहुंच गया, विभाग द्वारा जहां जरूरत नहीं वहां भी पाइप लाईन का विस्तार किया, पानी टंकी अवश्य बनी परंतु चालू एक ही है। बाकि पानी टंकी चालू ही नहीं किया। पाइप लाईन मिट्टी के नीचे दब कर रह गया, पीएचई द्वारा बनाया गाया प्रोजेक्ट पूर्वत: फेल। अब भी कई वार्ड की जनता कुआं, ढोड़ी, नदी का पानी पीने मजबूर है। पीएचई विभाग द्वारा गुपचुप तरीके से नगर पंचायत से कार्य पूर्ण का प्रमाण पत्र भी ले लिए। उक्त कार्य के समपन्न कराने के लिए विभाग को सुपरवाइजिंग चार्ज 15 प्रतिशत भी नगरीय निकाय द्वारा दे दिया गया। इन कई वर्षों में नेता बदल गए, परिषद बदल गया, सत्ता बदल गया, शासन की कई करोड़ रूपए मिट्टी के नीचे दब गया, समस्या वैसा का वैसा ही, फिर नगरीय निकाय चुनाव सामने है क्या जनता अपने मूलभूत सुविधा पाने व भ्रष्ट्राचारी जनप्रतिनिधी व कर्मचारियों को सबक सिखा पायेंगे।