जोहार छत्तीसगढ़-धरमजयगढ़।
आदिवासी बाहुल्य विकास खण्ड धरमजयगढ़ में मानों मनमानी करने का छूट मिल रखा है, ऐसा शायद ही कोई विभाग होगा जहांं भ्रष्टाचार चरम पर न हो? किसी भी ऑफिस में बिना चढ़वा के कोई काम नहीं होता है, यहां तो सिर्फ पैसा फेंकों तमाशा देखों वाला कहावत चरितार्थ हो रहा है। नगर का विकास करने का जिम्मा नगर पंचायत को होता है, पर नगर पंचायत में बैंठे अधिकारी-कर्मचारी नगर का विकास को छोड़ अपना विकास करने में लगे हैं। आज हम एक ऐसा मामला के बारे में बताने जा रहा हैं इस मामले से नगर पंचायत में बैंठे अधिकारी और जनप्रतिनिधि शासन को लाखों-करोड़ों का राजस्व क्षति पहुंचा रहे हैं, अब आपको सूनकर अजिबों सा लग रहा होगा कि नगर पंचायत ऐसा क्या कर दिया कि शासन को लाखों -करोड़ों का नुकसान हो रहा है। हम आपको बताते हैं कि कैसे में शासन के चूना लगा रहे हैं ये लोग, नगरीय क्षेत्र में नगर पंचायत द्वारा दुकान निर्माण कर खुली नीलामी के माध्यम दुकान नीलामी की जाती है लेकिन नगर पंचायत ऐसा ना करके दुकानदारों को लाभ पहुंचाते हुए शासन को राजस्व क्षति पहुंचा रहे हैं। नगर पंचायत द्वारा बनाए गये दुकान के ऊपरी तल में दुकान निर्माण करने का अनुमति दुकानदार को देने से शासन को एक बड़ा राजस्व क्षति पहुंच रहा है। नियम ये कहता है कि नगर पंचायत को दुकान के ऊपर दुकान बनाकर खुली नीलामी करना चाहिए, खुली नीलामी होने से ऊपरी तल में बने दुकान की कीमत कई लाख में होंगे लेकिन नगर पंचायत अधिकारी और जनप्रतिनिधि मिलकर शासन के नियम को दरकिनार करते हुए दुकानदारों में मिली भगत कर उपरी तल में निर्माण करने की अनुमति दे दिया जा रहा है जो नियम विरूद्ध है।