जोहार छत्तीसगढ़-धरमजयगढ़।
धरमजयगढ़ विकास खण्ड में शासकीय राशन दुकान में चावल की अफरा तफरी की खबर हर दिन सूनने को मिलता है। शासन द्वारा गरीब आदिवासियों को देने वाला सस्ता राशन पर, राशन माफियाओं ने कब्जा जमा लिया है, जिसका नतीजा है कि हर दो चार दिन में हितग्राही अधिकारी के दफ्तर में शिकायत लेकर आ रहे हैं। 24 अक्टूबर को विजयनगर के ग्रामीणों से शिकायत मिला था कि विजयनगर के राशन विक्रेता द्वारा पॉस मशीन में 35 किलो पर अंगुठा लगवाकर हितग्राहियों को 30 किलो चावल दिया जा रहा है। जोहार छत्तीसगढ़ ने इस समाचार को प्रमुखता से प्रकाशित किया था, समाचार प्रकाशन के बाद भी खाद्य अधिकारी द्वारा किसी भी प्रकार की कार्यवाही दुकानदार पर नहीं किया है। कार्यवाही नहीं होने से गरीबों के राशन की हेराफेरी करने वाले राशन दुकानदारों के हौसले बुलंद होते जा रहे हैं, जिसका नतीजा है कि दुकानदार बाकायदा ग्रामीणों को लिखित में दे रहे हंै कि हर कार्डधारी को इस माह 5-5 किलो चावल कम दिया जायेगा। अब आप सोचिए दुकानदार को ऐसा करने का छुट किसने दिया है? और क्या खाद्य अधिकारी को नहीं मालूम की विजय नगर में राशन की अफरा-तफरी हो रहा है। जब इस संबंध में कापू क्षेत्र की खाद्य अधिकरी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि राशन दुकानदार को नोटिस जारी किया जा चुका है। अब सवाल उठता है कि तो क्या राशन दुकानदार को सिर्फ नोटिस जारी करने से विजयनगर के राशन हितग्राहियों को राशन मिल जायेगा? क्या खाद्य अधिकारी की जिम्मेदारी सिर्फ नोटिस देना ही है, या फिर राशन माफियाओं पर कार्यवाही करते हुए गरीब, आदिवासी लोगों को उनका हक दिलाना? इसकी जवाब तो धरमजयगढ़ में बैठ खाद्य अधिकारी ही दे सकते हैं?
अब चावल कम देने का शिकायत जायेगा जिले उच्च अधिकारियों के पास
ग्रामीणों ने बताया कि दुकानदार द्वारा चावल कम देने की शिकायत पंचायत लेबल से लेकर धरमजयगढ़ के बड़े-बड़े अधिकारियों के पास करने के बाद भी दुकानदार पर कोई कार्यवाही नहीं हो रहा है। इससे तो ऐसा लगता है कि हम लोगों द्वारा जो शिकायत किया जाता है उस शिकायत को अधिकारी कचरे ढेर में रख देते होंगे? हम लोग अब और धरमजयगढ़ के अधिकारियों के पास शिकायत नहीं करेंगे, अब हम लोग सब चंदा करके रायगढ़ जायेंगे और रायगढ़ के बड़े अधिकारियों के पास इसकी शिकायत करेंगे।