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कुर्मीभवना पोरडी में बजरमुड़ा के तर्ज पर सेड निर्माण कर कई गुना मुआवजा लेने के फिराक में कई धन्ना सेठ व भू-माफिया, एसईसीएल के अधिकारीयों की कहीं सांठ-गांठ तो नहीं, एसईसीएल के सर्वे के मध्य नव निर्माण का सर्वे होने और मुआवजा बनने पर होगा एसईसीएल कंपनी को कई करोड़ों का नुकसान

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जोहार छत्तीसगढ़-घरघोड़ा।
घरघोड़ा-तमनार क्षेत्र में चाहे एनटीपीसी या अडानी या फिर एसईसीएल हो, मुआवजा का खेला खूब जोर से खेला जा चुका है,और वर्तमान में भी खेला जा रहा है, आखिर कोल बैयरिंग एरिया जो की शासन की अधिग्रहित भूमि हो चुकी है, एवं जमीन के साथ-साथ जमीनों में लगे वृक्ष पेड़ व रह वास मकान के भी सर्वे लगभग पूर्ण होने के कगार पर है, लेकिन बजरमुड़ा एरिया मुआवजा का खेला जिस रफ्तार से खेला गया था जिसकी जांच की मांग कई जनप्रतिनिधियों द्वारा की गई थी वहीं इस मामले का पुरा कच्चा-चि_ा कई अखबारों की प्रमुख हैडलाइन की सुर्खियां बनी थी, जिसकी जांच अभी भी संदेहपूर्ण लंबित है, मुआवजा संबंधी बड़ा घोटाला जो पूरे प्रदेश में ही नहीं देश में बजरमुड़ा मुआवजा घोटाला के नाम से प्रसिद्धि प्राप्त कर चुका है, जिसमें प्रदेश के कई बड़े कुछ अधिकारी एवं व्यापारियों का हुआ है इन्वेस्टमेंट, जमीन अधिग्रहण होने के बावजूद अधिग्रहण की सारी प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद भी बड़ी मात्रा में तेज रफ्तार से पक्के के मकान एवं अल्बेस्टर के सेड लाखों वर्ग मीटर का निर्माण किया गया, और कई लोगों के लाखों करोड़ों रुपए निर्माण कार्य में लग चुके हैं जिसे वर्तमान में अभी किसी प्रकार का मुआवजा मिलने की संभावना दूर दूर तक नजर नहीं आ रही है। उसके बावजूद भी कुर्मीभवना पोरडी, आसपास के लोग सबक नहीं ले रहे, कुछ भू माफिया और दलालों की बातों में आकर नवनिर्माण कार्य शीघ्र गति से प्रारंभ है सूत्रों से जानकारी मिली है कि आसपास के कुछ धन्ना सेठों के द्वारा लंबे चौड़े क्षेत्र में करोड़ों रुपए के मुआवजा के लोभ में सेड व पक्का मकान निर्माण करवा चुके हैं तथा निर्माण चल भी रहा है जबकि सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार एसईसीएल बरौद व बिजारी कोल उप परिक्षेत्र के द्वारा जमीन, मकान एवं पेड़ का सर्वे कराकर रिपोर्ट तैयार कर मुख्यालय में जमा किया जा रहा है ऐसे में जिन लोगों ने दलालों के कहने से निर्माण किया है तो क्या फिर एसईसीएल कंपनी भारत सरकार के किस नियम के तहत पुन नवनिर्माण का फिर से सर्वे करेगी अगर फिर से सर्वे होता भी है तो जो अन्य गांव के लोग निर्माण नहीं कर पाए हैं वह भी निर्माण करने की कोशिश करेंगे और जब सर्वे हो जाने के बाद निर्माण किए हुए लोगों को बढ़े हुए मूल्य पर मुआवजा की राशि दी जाएगी तो जो लोग वंचित है उनको भी उनका हक मिलना वाजिब है कुल मिलाकर कुर्मी भवना,पोरडी एवं अन्य जगहों में सेट बनाकर निर्माण करना एसईसीएल के मुआवजे की गले की फांस बनती नजर आ रही है देखना अब यह है कि इसमें किस तरह का खेला होने वाला है।

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