रांस के वैज्ञानिकों का कहना है कि फ़्रूट जूस और फ़िज़्ज़ी पोप जैसे मीठे पेय पदार्थों से कैंसर का ख़तरा बढ़ सकता है.
यह बात ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में प्रकाशित एक शोध के आधार पर कही गई है. यह शोध एक लाख लोगों पर पांच सालों तक किया गया है.
यूनिवर्सिटी सरबोर्न पेरिस सिटे की टीम का मानना है कि इसकी वजह ब्लड शूगर लेवल हो सकता है. हालांकि, इस शोध को साबित करने के लिए अभी काफ़ी साक्ष्यों की आवश्यकता है और विशेषज्ञों को अभी इस पर और शोध के लिए कहा गया है.
मीठा पेय पदार्थ किसे माना जाए?
विशेषज्ञों का मानना है कि पांच फ़ीसदी से अधिक चीनी जिस पेय पदार्थ में होती है उसे मीठा पेय पदार्थ या शूगरी ड्रिंक्स कहा जाता है.
इसमें फ़्रूट जूस (बिना चीनी की मिलावट वाले भी), सॉफ़्ट ड्रिंक्स, मीठा मिल्कशेक, एनर्जी ड्रिंक्स, चीनी वाली चाय या कॉफ़ी भी शामिल हैं.
विशेषज्ञों की टीम ने आर्टिफ़िशियल शूगर इस्तेमाल करने वाले ज़ीरो कैलोरी डाइट ड्रिंक्स का भी अध्ययन किया लेकिन इसके कैंसर से जुड़े होने के कोई साक्ष्य नहीं मिले हैं.