जोहार छत्तीसगढ़-कोरबा।
पहाड़ी कोरवा हीरा बाई को वह दिन आज भी भलीभांति याद है,जब एक मटके पानी के लिए उन्हें घर से बाहर जंगल की ओर रूख करना पड़ता था। पानी की यह जद्दोजहद उन्हें इस तरह परेशान किया करती थी कि वह अपनी किस्मत को कोसते हुए कुछ दूर जंगल पर स्थित नाले में जाती थी और वहां से पानी लाकर घर का जरूरी काम निपटाती थी। एक दिन उसके गांव से होकर पक्की सड़क बनी,लेकिन पानी के लिए उम्मीद लगाई हीरा बाई को पहले जैसे ही समस्याओं के बीच दिन काटना पड़ा। न पानी की व्यवस्था हुई, न नल का कनेक्शन मिला। वह अपने छोटे बच्चों को लेकर नाला जाती और वहीं खतरों के बीच नहलाती थी। अब जबकि घर के पास ही सोलर ड्यूल पम्प लग गया है और घर में ही नल का कनेक्शन मिल गया है तो पहाड़ी कोरवा हीरा बाई अपनी किस्मत को नहीं कोसती। वह कहती है कि नल कनेक्शन लगने और पानी घर पर आने से उसे नाला जाना नहीं पड़ता। घर पर ही नल से बहती धार से पानी मिल जाती है। कोरबा ब्लॉक के अंतर्गत ग्राम कोराई में रहने वाली पहाड़ी कोरवा हीरा बाई का बड़ा परिवार है। वर्षो से वे सभी जंगल के करीब रहते आए हैं। लंबे समय से नालों का पानी पीते आए इस पहाड़ी कोरवा परिवार को अपने घर के पास सोलर ड्यूल पम्प के माध्यम से नल लग जाने से बहुत राहत मिली है। पहाड़ी कोरवा हीरा बाई ने बताया कि घर के सभी सदस्य अब घर के नल से ही पानी पीते हैं। घर में अन्य छोटी-छोटी जरूरतों के लिए भी पानी उपयोग में आता है। उन्होंने बीते हुए दिनों की समस्याओं को बताते हुए कहा कि नल नहीं लगने से पहले उनकी जिंदगी कठिनाई के बीच कटती थी। सबसे ज्यादा समस्या पानी को लेकर ही बना रहता था। सुबह होते और शाम ढलने से पहले तक नालों का चक्कर काटना पड़ता था। बारिश के दिनों में नाले से पानी लाना और भी कठिन बन जाता था, क्योंकि नाला उफान पर होने के साथ पानी गन्दा भी हो जाता था। हीरा बाई ने बताया कि जब से सोलर पम्प लगा है उनके साथ ही गांव के अन्य महिलाओं की बड़ी समस्या दूर हो गई है। उन्हें नल से साफ पानी मिलने के साथ नाले तक दौड़ नहीं लगानी पड़ती। उन्होंने जल जीवन मिशन से घरों तक पहुंचने वाले नल कनेक्शन और पानी की उपलब्धता को दूर दराज में रहने वाले ग्रामीणों के लिए वरदान बताया।