जोहार छत्तीसगढ़-धरमजयगढ़।
कांग्रेस की शासन मेंं प्रदेश के जनता अधिकारियों की भ्रष्ट नितियों से परेशान हो गया था, ऐसा था कि लोगों का एक भी काम बिना चढ़ावा का नहीं होता था, कांग्रेस सरकार भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया जिसके कारण जनता 5 साल तक झेलने के बाद विधानसभा चुनाव में जनता ने कांग्रेस सरकार को बाहर का रास्ता दिखा दिया। हमारे जिले का भी हाल ऐसा ही था। लेकिन जनता ये सोचकर सरकार बदल दिये थे कि भाजपा सरकार में भ्रष्टाचार पर रोक लगेगा। रायगढ़ जिले के आदिवासी बहुल्य धरमजयगढ़ विकास खण्ड का भी ऐसा ही हाल है, यहां के भी एक भी ऑफिस में बिना चढ़ावा के कोई काम नहीं होता था और आज भी नहीं होता है। धरमजयगढ़ में अगर एसीबी या इनकम टैक्स का छापा पड़े तो अधिकारी तो क्या पटवारी भी जेल का हवा खायेंगे, इतने भ्रष्ट है धरमजयगढ़ के अधिकारी-कर्मचारी?
शिकायत करने पर नहीं करते जांच?
मजेदार बात है कि किसी भ्रष्टाचार की शिकायत करने पर अधिकारी-कर्मचारी शिकायत पर कोई जांच नहीं करता, उल्टा शिकायर्ता को ही समझौता करने की सलह दे दिया जाता है। ग्रामीण क्षेत्र की जनता ट्रेक्टर, पीकअप भर भरकर शिकायत करने मुख्यलय आते हैं लेकिन ग्रामीणों की शिकायत पर क्या कार्यवाही होता है किसी को आज तक पता नहीं चला, परेशान शिकायत करता चूप चाप घर में बैंठ जाते हैं।
बेजा कब्जा रोकने मेें नाकाम राजस्व अमला
धरमजयगढ़ क्षेत्र में बेजा कब्जा का भरमार होने के कारण आज शासकीय भवन के लिए जमीन नहीं मिल रहा है। ऐसा ही एक मामला समाने आये है, धरमजयगढ़ में अपर सत्र न्यायालय का स्थापना होना है जिसके लिए अधिकारी-कर्मचारी शासकीय भूमि की खोज कर रहे हैं लेकिन नहीं मिल रहा है जिसके कारण लगभग 100 साल पूराना थाना परिसर को ही खाली करवाकर अपर सत्र न्यायालय बनाने का प्रतिवेदन बनाया जा रहा है। यहां भी अगर बेजा कब्जा की शिकायत किया जाता है तो आरआई, पटवारी जांच प्रतिवेदन देने में कतराते रहते हैं। ऐसा लगता है कि इनके पेट में लात पडऩे वाला है?
भगवान जाने कब होगा ताबदला …?
स्थानीय भाजपा नेता भी परेशान हो गये हैं क्योंकि चुनाव से पहले क्षेत्रवासियों से वोट लेने के लिए वायदा किया था कि धरमजयगढ़ के जितने भी अधिकारी-कर्मचारी भ्रष्टाचार में लिप्त है या क्षेत्र के लोगों से अच्छा व्यवहार नहीं करते हैं ऐसे लोगों का सरकार बनते ही धरमजयगढ़ से बहार का रास्ता दिखा दिया जायेगा। लेकिन नया सरकार बने 9 माह होने को लेकिन धरमजयगढ़ के एक भी अधिकारी-कर्मचारी का ताबदला नहीं हुआ और अधिकारी-कर्मचारी वहीं पूरानी सरकार के नीति से काम कर रहे हैं। चढ़ावा दे तो काम होगा नहीं तो ऑफिस का चक्कर लगाते रहे। जिसके कारण स्थानीय नेताओं को खूब खरी खोटी सुनने को मिल रहा है, और नेता जी कहते रहते हैं भगवान जाने कब होग ऐसे अधिकारी-कर्मचारियो का ताबदला।